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UP में बिजली गुल, निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल पर, जानें दस शहरों में कैसा रहा हाल

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी काफी दिनों से विरोध कर रहे हैं. लेकिन बीते दिन उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया.

उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बीते दिन बिजली ना होने के कारण काफी विवाद रहा. पूर्वांचल के कई शहरों में बत्ती दिन से लेकर रात तक गुल रही, जिसका कारण 15 लाख से अधिक बिजली कर्मचारियों का हड़ताल पर चले जाना रहा. यूपी में बिजली विभाग के निजीकरण के प्रस्ताव का विरोध कर रहे अधिकारियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया, जिसके बाद कई शहर पूरी तरह से अंधेरे में डूब गए. पूर्वांचल इलाके के देवरिया, आजमगढ़, बाराबांकी, मऊ, गाजीपुर समेत कई अन्य शहर और जिलों में अंधेरा रहा. यूपी के शहर-शहर का कैसा हाल रहा, समझिए... 

1.    चंदौली के दीनदयाल नगर स्थित चंदौसी विद्युत उप केंद्र पर तो हड़ताली कर्मचारियों ने सुबह से ही आपूर्ति बाधित कर ताला जड़ दिया था. यही नहीं हड़ताली कर्मचारियों ने ऑफिस की दीवारों पर लिखे गए कर्मचारियों अधिकारियों के नाम और मोबाइल नंबर तक मिटा दिए ताकि कोई उपभोक्ता या अधिकारी उनसे संपर्क ना कर सके. हालांकि, यहां पर जिला प्रशासन ने देर रात शहर के कुछ हिस्सों मे आपूर्ति बहाल करा दी.

2.    प्रयागराज में निजीकरण के विरोध में बिजलीकर्मी हड़ताल पर रहे लेकिन जगह-जगह फॉल्ट होने की वजह से बिजलीकर्मी उन्हें बनाने नहीं जा पाए. इस वजह से इलाकों के लोग बिजली-पानी की समस्या से जूझते रहे. प्रयागराज के कुछ इलाकों में आम लोगों ने भी सड़क पर उतरकर इस मसले पर प्रदर्शन किया.

3.    मिर्ज़ापुर में बिजली विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल का अच्छा खासा असर देखने को मिला. शहर में चारो तरफ अंधेरे में सड़कों पर सिर्फ चल रहे वाहन की लाइट से प्रकाश दिखाई पड़ रहा है. शहर के प्रमुख मुकेरी बाजार, रमईपट्टी, सिविल लाइन, वासलीगंज का इलाका सहित पूरा शहर ही अंधेरे में शाम से ही डूबा रहा है.

4.    बीती रात पूरी तरह से बस्ती शहर अंधेरे मे डूबा रहा. सुबह से बिजली गुल हो जाने से आम जनजीवन बेहाल रहा. उधर पानी की आपूर्ति भी बिजली न होने से बाधित हो चुकी है, जिससे लोग परेशान रहे.

5.    गाज़ीपुर में दोपहर से बिजली गायब रही, निजीकरण के विरोध में स्थानीय बिजली कर्मियों ने पूरे शहर के साथ कई गांवों के फीडर भी बंद कर दिए, जिससे लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा. 

6.    देवरिया में विद्युत विभाग के निजीकरण के विरोध में सुबह ग्यारह बजे से ही बिजली काट दी और रात दस बज गए लेकिन विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी, जिसका नतीजा यह रहा कि लोगों का सब्र का बांध टूट गया. लोग शहर के कॉपरेटिव चौराहे पर उतर कर सड़क जाम करते हुए हंगामा करने लगे, सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे, सूचना पर पहुचीं पुलिस ने मौजूद लोगों को भगाया.

7.    यूपी के आजमगढ़ में भी लोग बिजली कटौती से बेहाल रहे. यहां पर बिजली विभाग के कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन बहिष्कार पर जहां जनता ने आजमगढ़ के विद्युत विभाग के कैंपस पास धरने पर बैठे कर्मचारियों को खदेड़ दिया है. वहीं आम जनता ने नेशनल हाईवे पर सैकड़ों की भीड़ जुटाकर रोड भी जाम कर दिया. 

8.    बाराबांकी में विद्युतकर्मियों की हड़ताल से पूरा शहर अंधेरे में डूब गया, जिससे आम जनता परेशान है. शहर के धनोखर फीडर को जनता ने घेर लिया, इस दौरान विद्युतकर्मी गायब रहे. मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति संभालने की कोशिश की. यहां के तहसील फतेहपुर, बदोसराय, हैदरगढ़, बंकी समेत पूरे जिले में अंधेरा रहा.

9.    मऊ में सुबह से ही बिजली कट गई थी, रात तक बिजली नहीं आने के कारण ज्यादातर घरों में अंधेरा छा गया और साथ ही पानी भी खत्म हो गया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से निकलकर बिजली विभाग के सब स्टेशन पर जमा हो गए. भीड़ की देखते हुए जिला जिला प्रशासन को भारी संख्या में पुलिस बल बुलाना पड़ा.

10.    वाराणसी और सहारनपुर के कुछ क्षेत्रों में भी ऐसा ही हाल रहा. वाराणसी में एक दिन पहले ही कंट्रोल रूम की व्यवस्था कर दी गई थी, ताकि लोगों की शिकायतों से निपटा जा सके. 

दूसरी तरफ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की पावर कारपोरेशन प्रबंधन और ऊर्जा मंत्री से वार्ता बेनतीजा रही. अधिकारियों का कहना है कि उनका यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा, ऐसे में उत्तर प्रदेश में बिजली संकट और भी गहराने के आसार दिखाई दे रहे हैं. गौरतलब है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी काफी दिनों से विरोध कर रहे हैं. लेकिन बीते दिन उन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया.

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