स्टोरी हाइलाइट्स
मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायकों को बड़ी राहत मिल सकती है. कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम और कपिल देव के खिलाफ दर्ज मुकदमा सरकार ने वापस लेने का फैसला किया है. सरकारी वकील राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर की एडीजे कोर्ट में मुकदमा वापसी के लिए अर्जी दी.
मुकदमा वापसी की अर्जी पर फिलहाल कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है .7 सितंबर 2013 में नंगला मंदौड़ की महापंचायत के बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम और कपिल देव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इन तीनों नेताओं पर भड़काऊ भाषण, धारा 144 का उल्लंघन, आगजनी, तोड़फोड़ की धाराएं लगाई गई थी.
यह महापंचायत मुजफ्फरनगर में सचिन और गौरव की हत्या के बाद बुलाई गई थी. मुज़फ्फरनगर दंगों में क़रीब 65 लोगों की मौत हुई थी और 40 हज़ार के ज़्यादा लोग दंगों के कारण विस्थापित हुए थे.
कैसे भड़की थी हिंसा
दरअसल, 27 अगस्त 2013 को कवाल गांव में सचिन और गौरव नाम के दो युवकों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप शाहनवाज़ कुरैशी नाम के युवक पर लगा था. सचिन और गौरव की हत्या के बाद 7 सितंबर 2013 को नगला मंदोर गांव इंटर कॉलेज में जाटों द्वारा महापंचायत बुलाई गई थी. आरोप है कि इस महापंचायत के बाद मुजफ्फरनगर में दंगा भड़क गया था.
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