स्टोरी हाइलाइट्स
उत्तर प्रदेश के ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म शुक्रवार को खत्म हो रहा है, जिसके चलते ग्राम पंचायत के वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार को देखने के लिए प्रशासक नियुक्त किए जाएंगे. वहीं, यूपी राज्य निर्वाचन आयोग सूबे में पंचायत चुनाव को अगले साल मार्च के महीने में करवाने की तैयारी में जुट गया है. यूपी के पंचायत चुनाव के लिए लगभग साढ़े पांच लाख मतपेटियों का इंतजाम किया जा रहा है और साथ ही 90 हजार नए बैलेट बॉक्स भी बनवाए जा रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि फरवरी में पंचायत चुनाव का ऐलान किया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग द्वारा 22 जनवरी 2021 तक मतदाताओं की सूची हरहाल में तैयार कर लेने का अल्टीमेटम दिया गया है. इस बार यूपी में पंचायत के चारों पदों के लिए एक साथ चुनाव कराए जाने की तैयारी है, जिसमें क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में कुल 58,758 ग्राम पंचायतें, 821 क्षेत्र पंचायतें और 75 जिला पंचायतें हैं, जहां चुनाव कराए जाने हैं.
चुनाव आयोग मतदान स्थलों की संख्या से लगभग ढाई गुना ज्यादा मतपेटियां चुनाव के लिए भेजता है. इसके अलावा कुल मतपेटियों का 10 फीसदी आयोग रिजर्व रखता है. इसी वजह से चुनाव आयोग ने आगामी पंचायत चुनाव के लिए साढ़े पांच लाख मतपेटियों और बैलेट बॉक्स की व्यवस्था की है.
बता दें कि 2015 में हुए यूपी पंचायत चुनाव में 1 लाख 80 हजार मतदान स्थल बनाए गए थे. एक मतदान स्थल पर लगभग एक हजार मतदाता की संख्या रखी गई थी. इस बार साल 2021 में होने वाले पंचायत चुनाव में मतदाताओं की संख्या एक मतदान स्थल पर एक हजार से घटाकर 800 रखी जा रही है.
मिली जानकारी के मुताबिक, 2021 में होने वाले पंचायत चुनाव में माना जा रहा है कि मतदान केंद्रों की संख्या करीब दो लाख है, इसी के चलते कुल मतदान स्थलों की संख्या के ढाई गुना के अनुसार, लगभग 5 लाख से ऊपर मतपेटियों की जरूरत पड़ेगी.
वहीं, प्रति बूथ केंद्र पर दो मतपेटी का प्रयोग होगा. एक मतपेटी में ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम प्रधान के वोट डाले जाएंगे जबकि दूसरी पेटी में जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य के वोट डाले जाएंगे. वहीं, 2015 में पंचायत चुनाव में इन चारों पदों के लिए अलग-अलग चुनाव के चलते, एक समय में प्रति बूथ, एक-एक मतपेटी का किया गया था.
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