पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को तब पत्रकारों पर भड़क उठे, जब उनसे मंगलवार को इंडिगो एयरलाइन के एक अधिकारी की हत्या को लेकर सवाल पूछे जा रहे थे. उनके आवास से महज 2 किलोमीटर दूरी पर हुई इस घटना को लेकर किए जा रहे सवालों को नीतीश कुमार ने 'गलत और अनुचित' बताया. उन्होंने पत्रकारों पर नाराजगी दिखाते हुए कहा, 'अगर आपके पास सबूत है तो प्लीज पुलिस को बताइए.'
नीतीश कुमार शुक्रवार को एक कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे, जहां उनसे मंगलवार को इंडिगो के मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या को लेकर सवाल पूछे जाने लगे. इसपर नीतीश कुमार गुस्से में बोले- 'आपके सवाल पूरी तरह से गलत हैं, अनुचित हैं.' बता दें कि रूपेश सिंह घटना के वक्त अपने घर के गेट के बाहर अपनी SUV में मौजूद थे, जब बाइक सवार दो लोगों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना मुख्यमंत्री आवास से महज 2 किमी दूर की है, ऐसे में इसके चलते नीतीश कुमार की सरकार में कानून व्यवस्था को गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
नीतीश कुमार ने भड़कते हुए कहा, 'इसे अपराध मत कहिए, एक हत्या हुई है. हत्या के पीछे हमेशा कोई वजह होती है. हमें हत्या की पहले वजह देखनी होगी. पुलिस इसकी जांच कर रही है.' मुख्यमंत्री ने आगे कहा, 'अगर आपके पास कोई सबूत है तो प्लीज बताइए...पुलिस को ऐसे हतोत्साहित मत कीजिए. 2005 के पहले क्या होता था? उसके पहले कितना अपराध होता था, कितनी हिंसा होती थी...'
उन्होंने 1990 में सत्ता में रह चुके लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए आगे कहा, 'आप इतने महान हैं. आप किसके समर्थन में हैं? मैं आपसे सीधा पूछ रहा हूं. पति-पत्नी के अंडर में कितना अपराध होता था. आप उसको हाईलाइट क्यों नहीं करते हैं?' नीतीश ने पत्रकारों पर तंज कसते हुए कहा कि वो पुलिस प्रमुख को कॉल कर जरूर कहेंगे कि वो हत्या की घटना को लेकर सीधे पत्रकारों से इनपुट लें.
जब रिपोर्टरों ने कहा कि पुलिस प्रमुख उनकी कॉल बहुत कम उठाते हैं, तो नीतीश कुमार ने बाद में कथित रूप से उनसे बात की और कहा कि वो पत्रकारों के फोन उठाया करें.
विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के इस गुस्से को लेकर तुरंत प्रतिक्रिया दी और ट्वीट कर लिखा कि नीतीश कुमार ने अपराधियों के सामने सरेंडर कर दिया है. उन्होंने लिखा, 'दुर्भाग्यपूर्ण ब्रेकिंग न्यूज़:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाथ उठा अपराधियों के सामने किया सरेंडर. कहा, “कोई नहीं रोक सकता अपराध!” हड़प्पा काल में भी होते थे अपराध. ज़रा तुलना कर लीजिए. उल्टा पत्रकारों से पूछ रहे है क्या आपको पता है कौन है अपराधी और वो क्यों करते हैं अपराध?'
बता दें कि बिहार में लगातार चौथी बार सत्ता में आए नीतीश कुमार कानून व्यवस्था को लेकर बस विपक्षी पार्टी की ओर से ही नहीं, अपनी सहयोगी बीजेपी की ओर से भी दबाव झेल रहे हैं. बीजेपी के राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने तो यहां तक कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था पर नीतीश कुमार का कोई कंट्रोल नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में उनके सहयोग की सरकार चल रही है लेकिन राज्य की भलाई के लिए यह कहना जरूरी है.
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