रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने किसानों के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं. इसमें किसान रेल, eNAM पोर्टल, किसान क्रेडिट कार्ड योजना जैसी योजनाएं शामिल हैं. ये ट्वीट ऐसे समय में किए गए हैं जब सरकार किसानों को कृषि कानूनों पर मनाने की कोशिश कर रही है.
किसानों से बातचीत नाकाम, लेकिन सरकार क्यों गिना रही अपने काम, जानिए
नई दिल्ली: Farmer's Schemes: सरकार और किसानों के बीच होने वाली आज की बातचीत टल गई है, अब ये बातचीत कल होगी. अब भी किसानों की यही मांग है कि जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे तब तक आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा. हालांकि किसान यह भी कह रहे हैं कि 26 जनवरी पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में वो किसी तरह की कोई परेशानी खड़ी नहीं करेंगे. इधर सरकार किसानों के लिए उठाए गए अपने कामों की फेहरिस्त जारी कर ये बताने की कोशिश कर रही है कि सरकार को किसानों का ख्याल है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल (Railway Minister Piyush Goyal) ने 8 जनवरी 2021 तक की प्रगति रिपोर्ट जारी करकते हुए सिलसिलेवार कई tweet किए हैं. उन्होंने एक tweet में किसानों के क्रेडिट कार्ड योजना की तारीफ की. उन्होंने बताया कि पीएम मोदी की किसान क्रेडिट कार्ड योजना से किसानों को रियायती लोन मिला है. इसके अलावा इस योजना ने पशुपालन, डेयरी, पोल्ट्री, मत्स्य पालन सहित कई क्षेत्रों में किसानों की सहायता कर उन्हें लाभ पहुंचाया है.
पीयूष गोयल ने नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (eNAM) के बारे में बताया. उन्होंने लिखा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार द्वारा देश की APMC मंडियों का नेटवर्क बनाते हुए eNAM पोर्टल की स्थापना की गयी है. जो किसानों को ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान कर उन्हें उपज का बेहतर मूल्य दिलाने में सहायता प्रदान करता है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने किसान रेल के बारे में भी जिक्र किया है. उन्होंने tweet किया कि जो कहा, वो किया, पीएम मोदी की सरकार द्वारा बजट 2020-21 में किसान रेल की घोषणा की गयी थी, इसे पूर्ण करते हुए 8 जनवरी 2021 तक किसान रेल ने 34,000 टन से अधिक उत्पादों की ढुलाई की है, और ऑपरेशन ग्रीन के तहत नोटिफाइड सब्जियों व फलों के परिवहन पर 50 परसेंट सब्सिडी भी दी जा रही है.
पीयूष गोयल भारतीय रेल में सुधारों को भी बताया. उन्होंने लिखा भारतीय रेल का निरंतर विकास हो रहा है. उनके अथक प्रयासों का ही एक परिणाम ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) है. यहां मालगाड़ियां अब 90 किमी/घंटे की रफ्तार से दौड़ रही हैं, जिससे उत्पादों का आवागमन कम समय और कम कीमत पर हो रहा है.
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