गुजरात के सूरत में कोसाम्बा के पास रात को सड़क के नज़दीक सो रहे मज़दूरों के ऊपर से ट्रक गुज़र गया जिससे 15 मज़दूरों की मौत हो गई है. यह सभी मज़दूर राजस्थान में बांसवाड़ा ज़िले के रहने वाले थे.
गुजरात में हुए हादसे के तुरंत बाद स्थानीय सरपंच को फोन पर सूचना मिली.
बांसवाड़ा कलेक्टर अंकित कुमार सिंह ने बीबीसी को बताया कि, "सूरत में मारे गए मज़दूरों का अभी पोस्टमार्टम हो रहा है. हमने कुशलगढ़ से ग्राम विकास अधिकारी, वृत्त अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सरपंच को गुजरात के लिए रवाना किया गया है."
सूरत जिला पुलिस अधीक्षक (रूरल) उषा राडा ने बीबीसी को जानकारी दी है कि हादसे में सात महिलाओं समेत सात पुरुषों और एक बच्चे की मौत हुई है. छह घायलों को सूरत की स्मीमेर अस्पताल में भर्ती किया गया है.
जान गंवाने वाले मज़दूरों में पांच कुशलगढ़ गांव के रहने वाले थे. पांच मज़दूर भगतपुरा गांव के रहने वाले थे और यह सभी एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं.
इसके साथ ही मृतक मजदूरों में भीमपुरा, गराडखोर और डोलपुरा गांव के रहने वाले भी थे. मृतकों और घायल मजदूरों के परिजनों की पहचान के लिए प्रशासनिक अधिकारी गांव पहुंच गए हैं.
मुख्यमंत्री सहायता कोष से मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपए और घायलों को पचास हज़ार रुपए की राशि की घोषणा की है.
गुजरात सीमा से सटे राजस्थान के बांसवाड़ा, डूंगरपुर से बड़ी संख्या में लोग रोज़गार के लिए गुजरात जाते हैं. यह मज़दूर भी गुजरात में लंबे समय से काम के लिए गए हुए थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे में जान गंवाने वाले लोगों की मौत पर दुख जताया है और मृतकों के परिवार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.
साथ ही उन्होंने कहा है कि घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दुख जताया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की.
उन्होंने सीएम राहत कोष से मृतकों के परिवार को राजस्थान सरकार 2 लाख रुपये की और घायलों को 50,000 की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.
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