भारत और चीन के बीच पिछले साल मई की शुरुआत से सीमा पर गतिरोध जारी है। इसी बीच एक बार फिर से भारत और चीन के जवानों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर झड़प की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, यह झड़प तीन दिन पहले सिक्किम के नाकुला में हुई जब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश की थी। उसके कुछ सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में बढ़ने की कोशिश की। सीमा पर तैनात भारतीय सेना के चौकस जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें रोक दिया। अब इसे लेकर भारतीय सेना ने बयान जारी किया है।
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि 20 जनवरी को सिक्किम के नाकुला में भारतीय सेना और चीन के पीएलए सैनिकों के बीच मामूली झड़प हुई थी। इसे स्थानीय कमांडरों द्वारा स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार हल कर लिया गया था।'
भारत के चार, चीन के 20 जवान हुए घायल
मिली जानकारी के अनुसार, तीन दिन पहले नाकुला में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई। इसमें भारतीय सेना के चार जवान जबकि चीन के 20 सैनिक घायल हो गए हैं। भारतीय जवानों ने न केवल चीन के मंसूबों पर पानी फेरा बल्कि पीएलए के सैनिकों को भी खदेड़ दिया। फिलहाल सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण लेकिन स्थिर है। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारतीय क्षेत्र के साथ सभी प्वॉइंट पर मौसम की स्थिति खराब होने के बावजूद कड़ी चौकसी बरती जा रही है।
15 घंटे चली नौंवे दौर की वार्ता, भारत ने कहा- चीन को पूरी तरह से हटना पड़ेगा पीछे
सीमा विवाद को लेकर 15 घंटे हुई वार्ता
सीमा पर जारी तनाव को कम करने के लिए रविवार को मोल्डो में भारत और चीन ने नौंवे दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता की जो देर रात ढाई बजे तक चली। 15 घंटे तक चली इस वार्ता में सीमा पर तनाव कम करने को लेकर बातचीत हुई। वार्ता के दौरान भारत ने इस बात पर जोर दिया है कि टकराव वाले क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट और डी-एस्केलेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चीन के ऊपर है।
सीमा पर सतर्क है भारत
सिक्किम के नाकुला में चीनी सेना द्वारा घुसपैठ की कोशिश उस समय की गई है जब चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख से अपने 10 हजार जवानों को हटाया है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के अलावा सिक्किम सहित कई स्थानों से अपनी तैनाती को कम किया है लेकिन भारतीय जवान अब भी डटे हैं। वे चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए मुस्तैद हैं।
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