नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक में कहा कि भारत में व्यापार करना आसान बनाने (Ease of Doing Business) और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्यों को लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र को सरकार के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम का हिस्सा बनने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया बताती है कि देश तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहता है। कृषि क्षेत्र का उल्लेख करते हुए उन्होंने ने कहा कि खाद्य तेल जैसी कृषि वस्तुओं के उत्पादन और उनके आयात को कम करने के प्रयास किए जाने चाहिए। इससे किसानों को फायदा होगा।
बजट ने देश का मूड बताया
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष के बजट पर जिस तरह की सकारात्मक प्रतिक्रिया आई, उसने बता दिया कि 'मूड ऑफ द नेशन' क्या है। देश तेजी से आगे बढ़ना मन बना चुका। देश अब समय नहीं गंवाना चाहता। देश के मन को बनाने में देश का युवा मन बहुत बड़ी भूमिका अदा कर रहा है। इस बार के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए दिए फंड की भी काफी चर्चा हो रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला ये खर्च देश की अर्थव्यवस्था को कई स्तर पर आगे बढ़ाने का काम करेगा और रोजगार के कई अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक ऐसे भारत का निर्माण का मार्ग है जो न केवल अपनी आवश्यकताओं के लिए बल्कि विश्व के लिए भी उत्पादन करे और ये उत्पादन विश्व श्रेष्ठता की कसौटी पर भी खरा उतरे।
गरीबों के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा कि पिछले कुछ वर्षों में बैंक खाते खुलने, टीकाकरण और स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि, मुफ्त बिजली कनेक्शन और मुफ्त गैस कनेक्शन से गरीबों के जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला है। 2014 के बाद से गांव और शहरों को मिलाकर 2 करोड़ 40 लाख से ज़्यादा घरों का निर्माण किया गया है। देश के 6 शहरों में आधुनिक तकनीक से घर बनाने का एक अभियान चल रहा है। एक महीने में नई तकनीक से अच्छे घर बनाने के नए मॉडल तैयार होंगे। पानी की कमी और प्रदूषित पानी से होने वाली बीमारी लोगों के विकास में बाधा न बने इस दिशा में मिशन मोड में काम हो रहा है। जल मिशन के बाद से साढ़े 3 करोड़ से भी अधिक ग्रामीण घरों को पाइप वाटर सप्लाई से जोड़ा जा चुका है।
कोरोना कालखंड में राज्य और केंद्र ने मिलकर काम किया
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि हमने कोरोना कालखंड में देखा कि कैसे राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया। इससे देश सफल हुआ। दुनिया में भारत की एक अच्छी छवि का निर्माण हुआ।आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है तब गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है। मैं राज्यों से आग्रह करूंगा कि आज्दी के 75 वर्ष के लिए अपने-अपने राज्यों में समाज के सभी लोगों को जोड़कर समितियों का निर्माण हो। उन्होंने कहा कि भारत के विकास की नींव यह है कि केंद्र और राज्य एक साथ काम करते हैं और एक निश्चित दिशा की ओर बढ़ते हैं और कोऑपरेटिव फेडरलिज्म को और अधिक सार्थक बनाते हैं। यही नहीं, हमें न केवल राज्यों बल्कि जिलों में भी प्रतिस्पर्धी, कोऑपरेटिव फेडरलिज्म लाने की कोशिश करनी होगी।
किसानों के लेकर बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें कृषि प्रधान देश कहे जाने के बावजूद भी आज 65,000-70,000 करोड़ का खाद्य तेल हम बाहर से लाते हैं। हम ये बंद कर सकते हैं। हमारे किसानों के खाते में पैसा जा सकता है। इन पैसों का हकदार हमारा किसान है, लेकिन इसके लिए हमें अपनी योजनाएं उस तरह से बनानी होंगी। इसके लिए किसानों को गाइड करना जरूरी है।
विभिन्न सेक्टर के लिए पीएलआइ स्कीम शुरू
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर के लिए पीएलआइ स्कीम शुरू की हैं। ये देश में मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है। राज्यों को इस स्कीम का पूरा लाभ लेते हुए अपने यहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करना चाहिए। कॉरपोरेट टैक्स की दरें कम करने का लाभ भी राज्यों को उठाना चाहिए।
शिवराज समेत अन्य मुख्यमंत्री हुए शामिल
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे समेत अन्य नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया। इसमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की संचालन परिषषद की बैठक में शामिल नहीं हुईं। । इससे पहले भी वे नीति आयोग की बैठकों को निरर्थक बताते हुए उनमें शामिल नहीं हुई हैं। उनका कहना है कि इस संस्था के पास कोई वित्तीय शक्तियां नहीं हैं और यह राज्य की योजनाओं में कोई मदद नहीं दे सकती है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बीमार होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हुए। पीएमओ के अनुसार इस बैठक में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार लद्दाख शामिल हुआ।
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