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Baarack Sheep: ऑस्ट्रेलिया में भेड़ के लिए ऊन ही बनी मुसीबत, Rescue करके बचाई गई जान

 

Baarack Sheep: ऑस्ट्रेलिया के लांसफील्ड में एक अनोखी भेड़ देखी गई. इस भेड़ के शरीर पर इतनी ज्यादा ऊन बढ़ गई, जिसकी वजह उसका शरीर और चेहरा चारों तरफ से ढक गया और उसकी जान पर बन आई. ऊन की वजह से भेड़ का वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया. इस भेड़ को चलने-फिरने में भी तकलीफ होने लगी. फिर रेस्क्यू करके इस भेड़ की जान बचाई गई. जानिए इस भेड़ के साथ ऐसा क्यों हुआ.

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ऊन का गोला बनी भेड़

Baarack the sheep is seen before his thick wool was shorn

 

बता दें कि ऑस्ट्रेलिया की इस भेड़ का नाम बारक है. बारक के शरीर पर इतनी ज्यादा ऊन बढ़ गई, जिसकी वजह से उसका चलना-फिरना मुश्किल हो गया. ऊन की वजह से भेड़ की जान पर भी बन आई. शरीर पर ऊन की वजह से इस भेड़ का वजन एक कंगारू के आधे वजन के बराबर हो गया. फिर भेड़ को पकड़ा गया और उसके शरीर ऊन को काट दिया गया. (फोटो साभार- रॉयटर्स)

  

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भेड़ के शरीर पर 35 किलोग्राम ऊन

78 pounds of wool shorn from the Baarack the sheep in Australia

 

जान लें कि रेस्क्यू किए जाने के पहले बारक भेड़ ऑस्ट्रेलिया में लांसफील्ड के पास एडगर मिशन फॉर्म सेंक्चुरी में रहती थी. वहां भेड़ की देखभाल नहीं की जाती थी. तय वक्त के बाद भेड़ के शरीर से ऊन नहीं काटी जाती थी. जिसकी वजह से भेड़ के शरीर पर 35.4 किलोग्राम वजन तक ऊन बढ़ गई. (फोटो साभार- रॉयटर्स)

  

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ऊन काटकर बचाई गई भेड़ की जान

Baarack Sheep is seen before his thick wool was shorn

 

एडगर मिशन फॉर्म सेंक्चुरी के एक कर्मचारी ने बताया कि बारक भेड़ के शरीर से ऊन काट दी गई है. इस भेड़ के शरीर काटी गई ऊन का वजन 35.4 किलोग्राम है. 5 साल से भेड़ के शरीर पर ऊन बढ़ रही थी. इस वजह से भेड़ का वजन बहुत बढ़ गया था.

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भेड़ के शरीर से ऊन काटना क्यों होता है जरूरी

Sheep need to be shorn at least annually

 

जान लें कि भेड़ के शरीर से ऊन को काटना साल में कम से कम एक बार जरूरी होता है. नहीं तो ये ऊन लगातार बढ़ती रहती है और भेड़ के लिए परेशानी बन जाती है. शरीर पर ज्यादा ऊन होने की वजह से भेड़ को चलते-फिरते समय काफी वजन ढोना पड़ता है. (फोटो साभार- रॉयटर्स)

  

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हमेशा से जंगली नहीं थी ये भेड़

Once Baarack Sheep was owned by somebody

 

गौरतलब है कि ये भेड़ हमेशा से एडगर मिशन फॉर्म सेंक्चुरी में नहीं रहती थी. सेंक्चुरी के एक कर्मचारी ने बताया कि अनुमान के अनुसार बारक भेड़ पहले पालतू थी. एक वक्त इस भेड़ के कान पर टैग लगा हुआ था. (फोटो साभार- रॉयटर्स)

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