नीलकमल, पटना: कांग्रेसी नेता राहुल गांधी की कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की भारत जोड़ो यात्रा यूं तो खत्म हो चुकी है, लेकिन बिहार में इसका चौथा चरण 3 फरवरी से शुरू हो रहा है। इसके बाद कांग्रेसी हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा पर निकलेंगे। कांग्रेस की इस यात्रा पर बीजेपी ने हमला बोलते हुए कन्हैया कुमार को निशाने पर रखा है। वर्षों तक वामपंथी विचारधारा को मानने वाले कन्हैया कुमार बिहार के ही रहने वाले हैं। अब वह कांग्रेसी बन चुके हैं और भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वह राहुल गांधी के साथ कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की यात्रा भी कर चुके हैं।
बिहार में भारत जोड़ो यात्रा के समापन के बाद 15 फरवरी से हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा भी शुरू हो रही है। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे भारत जोड़ो यात्रा का समापन श्रीनगर में हो चुका है। लेकिन बिहार में इस यात्रा का चौथा और आखिरी चरण 3 फरवरी से शुरू होगा और 11 फरवरी को गया में समाप्त होगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा भी बिहार में आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि बिहार में हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा की शुरुआत 15 फरवरी से होने वाली है। कुंतल कृष्ण ने यह भी बताया कि भारत जोड़ो यात्रा का चौथा चरण जो गया में समाप्त हो रहा है वहां राहुल गांधी भी शामिल होंगे। इसके अलावा हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के दौरान पटना में पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी शिरकत करेंगी।
बिहार में फिलहाल कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के तीन चरण पूरे हो चुके हैं। चौथे चरण की शुरुआत 3 फरवरी से होने वाली है। लेकिन किसी भी चरण में बिहार प्रदेश कांग्रेस की ओर से बिहार के बेगूसराय जिले के ही रहने वाले कन्हैया कुमार को यात्रा में शामिल नहीं कराया गया। क्या बिहार कांग्रेस कन्हैया कुमार को बिहार से दूर रखना चाहती है? इस सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्ण का कहना है कि कन्हैया कुमार कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक हैं। हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी के साथ 135 दिन की लंबी यात्रा पूरी की है। कुंतल कृष्ण ने कहा कि कन्हैया राहुल गांधी के साथ यात्रा पर थे इसलिए उन्हें बिहार आने का मौका नहीं मिला। लेकिन हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा में वह अपने लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय में मौजूद रहेंगे।
बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा का कहना है कि कन्हैया कुमार की छवि टुकड़े टुकड़े गैंग के सदस्य के रूप में बन चुकी है। मनोज शर्मा का कहना है कि कन्हैया कुमार को लोग इसलिए नहीं जानते कि वह एक राजनीतिक व्यक्ति है बल्कि उसकी पहचान देश विरोधी मानसिकता वाले व्यक्ति के रूप में की जाती है। कांग्रेस भी यह अच्छी तरह से जानती है कि जिस प्रकार राहुल गांधी जिस किसी चुनावी प्रदेश में चले जाते हैं वहां कांग्रेस की करारी हार होती है। ठीक उसी प्रकार कन्हैया कुमार भी जिस प्रदेश में ज्यादा सक्रियता दिखाते हैं उनकी देश विरोधी मानसिकता की वजह से कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। बीजेपी प्रवक्ता मनोज शर्मा ने कहा कि संभव है कि बिहार कांग्रेस इसलिए कन्हैया को अपने इवेंट में बेगूसराय तक ही सीमित रखना चाहती हो।
बिहार बीजेपी के पूर्व विधायक मनोज शर्मा का कहना है कि बिहार कांग्रेस नेतृत्व में जब बदलाव की बात चल रही थी। तब कन्हैया कुमार को बिहार प्रदेश अध्यक्ष बनाने की चर्चा भी जोरों पर थी। लेकिन पार्टी ने लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। मनोज शर्मा ने कहा कि ऊपर से भले ही ना दिखता हो लेकिन अखिलेश सिंह को अध्यक्ष बनाए जाने से कन्हैया कुमार भीतर ही भीतर बेहद नाराज है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि आने वाले समय में बिहार कांग्रेस में कन्हैया कुमार और अखिलेश प्रसाद सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई भी देखने को मिलेगा।
कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि कन्हैया कुमार को देशद्रोही और टुकड़े टुकड़े गैंग का सदस्य बताने वाली बीजेपी ही असल में देश के टुकड़े करना चाहती है। कांग्रेसी प्रवक्ता ने कहा कि देश में जब से मोदी सरकार आई है तब से सामाजिक, आर्थिक और संप्रदायिक स्तर पर देश की जनता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा बीजेपी के इसी मानसिकता के खिलाफ की गई थी। कांग्रेसी प्रवक्ता ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी केंद्र की सत्ता से भी बाहर हो जाएगी। क्योंकि पूरा देश यह जान चुका है कि भारतीय जनता पार्टी का एकमात्र लक्ष्य सत्ता में रहना है और इसके लिए वह समाज के विभिन्न वर्गों के बीच खाई पैदा कर बांट कर रखना चाहती है। ताकि संप्रदायिक आधार पर बंटे लोगों का वोट लेकर वह पुनः सत्ता में लौट सके। लेकिन इस बार बिहार के साथ देश की जनता बीजेपी के सभी मंसूबे को नाकाम कर देगी।
कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि कन्हैया कुमार, देश के लिए बलिदान देने वाले परिवार से आते हैं। उन्होंने बताया कि कन्हैया कुमार के भाई केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स में तैनात थे और उन्होंने देश के लिए बलिदान दिया है। कांग्रेसी नेता ने बीजेपी नेताओं से पूछा कि वह बताएं कि क्या ऐसे परिवार से आने वाला व्यक्ति राष्ट्र विरोधी हो सकता है ? कांग्रेस के इस कथन पर बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा का कहना है कि कन्हैया कुमार शुरू से ही वामपंथियों के चंगुल में फस गए थे। वामपंथियों की विचारधारा शुरू से ही भारत विरोधी रही है। ऐसे में कन्हैया कुमार के मस्तिष्क में भी वामपंथी विचारधारा की वजह से देश विरोधी मानसिकता पनप चुकी है। मनोज शर्मा का कहना है कि वामपंथी कन्हैया कुमार पहले एक पौधा हुआ करते थे। अब वे पाकिस्तान और चीन की भाषा बोलने वाले कांग्रेस में शामिल होकर पेड़ बन चुके हैं। समझना मुश्किल नहीं है कि वामपंथी विचारधारा और कांग्रेसी मानसिकता मिलने के बाद कन्हैया कुमार की राष्ट्र विरोधी भावना और कितनी गहरी हो गई होगी। मनोज शर्मा ने कहा कि कांग्रेसी कहते हैं कि कन्हैया कुमार के भाई सीआरपीएफ (CRPF) मे थे तो क्या इससे कन्हैया कुमार राष्ट्रवादी हो गए ? बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने सीआरपीएफ की बटालियन पर धोखे से हमला कर 76 जवानों को शहीद कर दिया था तो, इसी कन्हैया की तरह वामपंथी मानसिकता रखने वाले तथाकथित छात्रों ने जेएनयू में जश्न मनाने का काम किया था। क्या कांग्रेसी या भूल गए की जेएनयू में लगने वाले भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाल्लाह इंशाल्लाह नारे में कन्हैया कुमार भी शामिल थे।
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कन्हैया कुमार हो या तेजस्वी यादव दोनों के पास नेतृत्व क्षमता की कमी है। मनोज शर्मा ने कहा कि एक को (तेजस्वी यादव) अपने पिता की वजह से राजनीति में जगह मिली तो दूसरे (कन्हैया कुमार) को वामपंथी विचारधारा के तहत राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और नारों से पहचान मिली है। मनोज शर्मा ने यह भी कहा कि लालू प्रसाद यादव वहीं कन्हैया कुमार को बिहार में कभी पनपने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि अगर कन्हैया कुमार और तेजस्वी के बीच आकलन किया जाए तो निश्चित तौर पर तेजस्वी यादव से कन्हैया कुमार कहीं आगे दिखाई देते हैं। इसलिए लालू प्रसाद यादव कभी यह नहीं चाहेंगे कि कन्हैया कुमार बिहार के सक्रिय राजनीति का हिस्सा बने। क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो तेजस्वी यादव का पूरा राजनीतिक कैरियर ही चौपट हो जाएगा।
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