प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड में एक ग्रामीण स्टेडियम और एक ओपन जिम की स्थापना की जाएगी। इसके जरिए युवक-युवतियों में खेल के प्रति रुचि पैदा की जाएगी। उन्हें तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कर राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए तैयार किया जाएगा। योगी कैबिनेट की शुक्रवार को हुई बैठक में ग्रामीण स्टेडियम एवं ओपन जिम निर्माण योजना की नीति को मंजूरी दी गई।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रथम चरण में प्रत्येक ब्लॉक में एक ओपन जिम और ग्रामीण स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। इसमें उन जिलों को प्राथमिकता से चुना जाएगा, जहां पर एक भी विभागीय खेल स्टेडियम नहीं है। ऐसे ब्लॉक जहां पहले से ग्रामीण स्टेडियम स्थापित हैं, उन्हें प्रथम चरण में शामिल नहीं किया जाएगा। स्टेडियम और ओपन जिम के लिए निर्विवाद भूमि उपलब्ध होना आवश्यक है। भूमि का चयन गांव के निकट ऐसे स्थान पर किया जाएगा, जिसके पास में हाई स्कूल, इंटर कॉलेज या डिग्री कॉलेज हो।
ग्रामीण स्टेडियम के लिए आयताकार भूमि का चयन किया जाएगा। अगर आयताकार भूमि उपलब्ध नहीं होगी तो वहां ऐसी भूमि का चयन किया जाएगा जहां मल्टीपरपज हॉल का निर्माण करने के बाद शेष बची भूमि पर 200 मीटर का रनिंग ट्रैक बनाया जा सके। हालांकि भूमि अधिक होने पर इसे बढ़ाकर 400 मीटर तक किया जा सकता है। खेल स्टेडियम में क्षेत्रीय स्तर और युवाओं की रुचि के अनुसार खेलों की सुविधाएं विकसित की जाएगी। जिम्नास्टिक, कश्ती, खेलों में प्रशिक्षण के लिए रुचि होने पर वहां उन खेलों का प्रस्ताव भी शामिल किया जाएगा। ओपन जिम और स्टेडियम तक आने-जाने के लिए सड़क और सुगम आवागमन की व्यवस्था की जाएगी।
विद्यालय में भी बन सकेंगे स्टेडियम
ग्रामीण स्टेडियम का निर्माण राजकीय या सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में भी किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए विद्यालय को स्टेडियम की भूमि पर राज्य सरकार का आधिपत्य स्वीकार करते हुए पंजीकृत अनुबंध करना होगा। विद्यालय को स्टेडियम की देखरेख करनी होगी। स्टेडियम में विद्यार्थियों के साथ आम लोगों को भी खेल सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति देनी होगी। स्टेडियम का नामकरण विद्यालय के नाम से किया जा सकेगा। मल्टीपरपज हॉल और पवेलियन बनेगी
प्रत्येक ग्रामीण स्टेडियम में मल्टीपरपज हॉल और पवेलियन का निर्माण कराया जाएगा। उपकरण कक्ष, ऑफिस कक्ष, सामुदायिक शौचालय, विद्युतीकरण, आंतरिक स्थल विकास कार्य, हैंडपंप, आंतरिक ट्रैक, अग्निशमन व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
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