अमेरिका और यूरोप के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारत को लेकर आशान्वित हैं. इसका अनुमान भारतीय शेयरों में उनके निवेश से लगाया जा सकता है. मार्च, 2023 से शेयरों में उनका निवेश सुधरकर 9.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. एक विदेशी ब्रोकरेज कंपनी की रिपोर्ट में यह बात कही गई है. स्विस ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस सिक्योरिटीज की यह रिपोर्ट लगभग 50 अमेरिकी और यूरोपीय एफपीआई से बातचीत पर आधारित है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर विदेशी निवेशक भारत को लेकर आशान्वित हैं. मार्च, 2023 से शेयरों में उनका निवेश सुधरकर 9.5 अरब डॉलर हो गया है, जबकि इससे पिछले तीन माह के दौरान उन्होंने शेयरों से चार अरब डॉलर निकाले थे.
भारत को लेकर उम्मीद की एक और वजह वृहद आर्थिक जोखिमों का नरम पड़ना है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर वैश्विक निवेशक अगली गर्मियों में होने वाले आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रहे हैं. उन्होंने पहले ही दिसंबर तिमाही में होने वाले विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव को ‘नजरअंदाज' कर दिया है. यूएसबी इंडिया की अर्थशास्त्री तन्वी गुप्ता जैन ने कहा कि इस साल अब तक घरेलू बाजारों का प्रदर्शन उभरते बाजारों की तुलना में 4.6 प्रतिशत कम रहने के बावजूद निवेशक आशान्वित हैं.
यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया के रणनीतिकार सुनील तिरुमलाई के अनुसार, इस उम्मीद की वजह बेहतर आर्थिक, राजनीतिक और भू-राजनीतिक परिदृश्य है. हालांकि, यूबीएस ने बैंकों की बढ़ती ब्याज दरों को जोखिम बताया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसकी वजह से भारतीय परिवार अपना पैसा शेयरों के बजाय अन्य विकल्पों में लगा सकते हैं.
यूबीएस ने चालू साल के लिए निफ्टी के लक्ष्य को घटाकर 18,000 अंक कर दिया है. निफ्टी अभी 18,000 अंक से ऊपर है.
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