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हेल्थ

International Yoga Day 2023: अपने फेफड़ों पर प्रदूषण के बुरे असर को कम करने के लिए रोजाना करें ये 5 योग, लंग्स कैपेसिटी भी बढ़ेगी

कोरोना महामारी के आने के बाद से लोगों ने लंग्स को हेल्दी रखने इंपॉर्टेंस पर जोर दिया. सिर्फ कोरोना ही नहीं बल्कि बढ़ता प्रदूषण (Pollution) भी आपके फेफड़ों में जहर खोलने का काम कर रहा है जिसकी वजह से लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो रहा है. इन परिस्थितियों को देखते हुए फेफड़ों की देखभाल (Lungs Care) बहुत जरूरी हो जाती है. लंग्स को मजबूत, हेल्दी (Strong And Healthy Lungs) बनाने के लिए योग बेहतरीन उपायों में से एक है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही योगासन जो आपके फेफड़ों की देखभाल करने में मददगार साबित होंगे, तो चलिए शुरू करते हैं...

सुखासन को क्रॉस लेग्ड सिटिंग पोज भी कहा जाता है. इस योगासन को करने के लिए आप आराम से बैठ जाएं और अपने दाहिने हाथ को अपनी पीठ के पीछे रखते हुए अपनी बाईं कलाई को पकड़ लें. अपने कंधों को सीधा रखते हुए छाती को फैलाते हुए हवा में सांस लें. अब आगे की ओर झुकें, सांस छोड़ें और अपने माथे को अपने दाहिने घुटने से छूने की कोशिश करें. सांस लें और पहले जैसी स्थिति में लौट आएं..ये आसन लंग्स में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और फेफड़ों की मसल्स से टॉक्सिन्स को साफ करता है. सुखासन एकाग्रता बढ़ाता है और सांस की समस्याओं का इलाज करता है. इसे करने से तनाव और चिंता को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहते हैं. ये ब्रेन को शांत करने में मददगार माना जाता है. इसके साथ ही ये फेफड़ों को मजबूत करता है और साइटिका के दर्द को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है. ये आसन अस्थमा के मरीजों को आराम देने का काम करता है. कोबरा पोज करने के लिए पेट के बल सीधे लेट जाएं और अपने सिर को जमीन पर टिका लें. अब दोनों हाथों को कंधों के दोनों ओर रखें, धीरे-धीरे हथेलियों पर दबाव डालते हुए पीठ और पेट की मांसपेशियों को स्ट्रेच करते हुए शरीर को धड़ से ऊपर उठाएं. आर्म्स को सीधा करें और कंधे के ब्लेड को पीठ से दबाकर रखें.

 

इस योगासन को फिश पोज भी कहा जाता है. इसे करने से दिन भर आपकी बॉडी एक्टिव और फ्रेश रहती है. मत्स्यासन करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं, हाथों को कूल्हों के नीचे रखें और हथेलियों को नीचे रखें. अब सिर और गर्दन को और छाती को ऊपर उठाएं. सिर को जमीन से छुएं. इस पोजिशन में जितनी देर हो सके गहरी सांस लें.

 

इसे धनुष मुद्रा भी कहते हैं जिसे करना आसान है. धनुरासन करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और हाथों से एड़ियों को पकड़ते हुए घुटनों को हिप्स की ओर मोड़ें. अब चेहरे को ऊपर रखते हुए पैरों और हाथों को जितना हो सके ऊपर उठाएं. जितनी देर हो सके इस पोश्चर में बने रहें. धनुरासन लंग्स से टॉक्सिन्स को निकालने के लिए सबसे अच्छी मुद्रा है और इसे कभी भी किया जा सकता है. यह चेस्ट की मसल्स को भी मजबूत और हेल्दी बनाती है. 

 

ये पोज सांस लेने की समस्याओं, तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करने के लिए जाना जाता है. ये आसन इम्यून सिस्टम में भी सुधार करता है और पीठ दर्द से राहत दिलाता है. इसे करने के लिए अपने पैरों को स्ट्रेच कर उन्हें एक साथ रखकर बैठें. सीधे पैर को मोड़कर लेफ्ट लेग को राइट घुटने के कोने तक जाना चाहिए. अब बाएं हाथ को पीछे की ओर ले जाएं, दाएं हाथ को स्ट्रेच करें और दाएं पैर को कसकर पकड़कर अपनी कोहनी का इस्तेमाल करते हुए घुटने पर दबाव डालें. सीधे हाथ को घुटने पर रखें और बाएं कंधे के ऊपर से पीठ की ओर देखें. पीठ को सीधा रखते हुए कुछ सेकंड के लिए इसी मुद्रा में बने रहें.

 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

 

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