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ITR Filing: टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर, ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत इनकम टैक्स भरने पर मिल रही ये छूट

इनकम टैक्स फाइल (Income tax Return Filing) करने की अंत‍िम तारीख 31 जुलाई है. ऐसे में इनकम टैक्‍स र‍िटर्न फाइल करने से पहले आपको कुछ जरूरी बातें जान लेनी चाहिए. टैक्सपेयर्स के पास ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम के तहत आईटीआर भरने का विकल्प है. दरअसल, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने बजट 2023 (Budget 2023) पेश करने के दौरान इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slabs) में बदलाव की घोषणा की थी. उन्होंने नई कर व्यवस्था (New Income Tax regime) के तहत टैक्सेबल इनकम (Taxable Income) को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की बात कही. हालांकि, यह सुविधा केवल न्यू टैक्स रिजीम (New Tax regime) चुनने वाले टैक्सपेयर्स के लिए है.

 

इसके अलावा न्‍यू टैक्‍स र‍िजीम में अब 50000 रुपये के स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन (Standard Deduction) का भी फायदा म‍िलेगा. वहीं, नए टैक्स रिजीम के तहत अगर किसी टैक्सपेयर की सालाना आय 7 लाख रुपये से कम है तो उन्हें कोई टैक्स नहीं भरना होगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के दौरान न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव करते हुए 7 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया. इसके पीछे सरकार का मकसद है कि अधिक से अधिक टैक्सपेयर्स न्यू टैक्स रिजीम को अपनाए. 

 

हालांकि, न्‍यू टैक्स रिजीम में आपको किसी प्रकार के इनवेस्‍टमेंट पर टैक्स छूट नहीं मिलेगा. ऐसे में अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय इन्वेस्टमेंट और हाउस रेंट अलाउंस सहित अन्य पर टैक्स छूट या कटौती का लाभ लेना चाहते हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था यानी ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में आपको इसका फायदा मिलेगा.ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्सपेयर्स को कई तरह की छूट दी जाती है.यहां हम आपको पुराने टैक्स रिजीम में म‍िलने वाली इन छूट के बारे में एक-एक करके बताएंगे.तो चलिए जानते हैं...

  1. ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत सैलरीड क्लास को स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत 50000 रुपये की छूट दी जाती है.
  2. सेक्‍शन 80C के तहत पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) या पीपीएफ (PPF), एम्पलॉय प्रोविडेंट फंड या ईपीएफ (Employees' Provident Fund), लाईफ इंश्योरेस  प्रीमियम (Life Insurance Premium), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) आदि में निवेश के  साथ-साथ हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और होम लोन रीपेमेंट पर चुकाए गए ब्याज (Home Loan Interest) पर डेढ़ लाख तक टैक्स छूट हासिल किया जा सकता है.
  3. नेशनल पेंशन स्कीम या एनपीएस में निवेश पर (Investment in NPS) सेक्शन  80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और सेक्‍शन 80 सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये तक  इनकम टैक्ट छूट का दावा कर सकते हैं.
  4. हेल्‍थ इंश्‍यारेंस के प्रीम‍ियम  (Health Insurance Premium) पर भी सेक्‍शन 80डी के तहत इनकम टैक्स कटौती का लाभ ले सकते हैं. इसमें एक वित्त वर्ष में 25,000 रुपये तक टैक्स कटौती की अनुमति  है. जबकि  सीनियर सिटीजन के लिए टैक्स कटौती की सीमा 50,000 रुपये है.
  5. किसी एक वित्त वर्ष के दौरान सेविंग अकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर सेक्‍शन 80टीटीए के तहत  10,000 रुपये  तक की राशि पर टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है.
  6. ट्रस्टों और धर्मिक संस्थाओं में दिए गए दान की राशि पर सेक्‍शन 80G के तहत अधिकतम 50% या 100% तक कटौती का दावा किया जा सकता है. हालांकि, यह ध्यान रहे कि 80G के तहत सभी दान टैक्स कटौती के लिए पात्र नहीं हैं. केवल कुछ  संस्थानों को किया गया दान ही टैक्स कटौती के पात्र हैं.

 

 

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