सिल्क स्मिता, वो नाम है, जिसे सुनते ही फिल्में टिकट खिड़की पर बिक जाती थीं. विद्या बालन की डर्टी पिक्चर देख कर सिल्क स्मिता की जिंदगी के कुछ राज तो आप जान ही चुके होंगे. किस तरह वो फिल्मों में आईं. किस तरह वो ऐसे किरदार में उतार दी गईं कि उनकी जिंदगी के इर्द गिर्द घूमती पिक्चर को डर्टी पिक्चर का नाम दिया जाए. ये उस दौर की बात है जब हीरोइन अपनी इमेज का ख्याल रखने के लिए एक्सपोज करने से पीछे रहती थीं. उस दौर में सिल्क स्मिता ने फिल्मों में नया फ्लेवर एड किया. जिसके जन्म, शादी और फिर फिल्मी दुनिया में आना और मौत को गले लगाना सब कुछ किसी थ्रिलर मूवी की तरह ही रहा.
सिल्क स्मिता का असल नाम विजयलक्ष्मी था. सिल्क स्मिता की जिंदगी उस वक्त से बदलनी शुरू हुई जब उसने किशोरावस्था में कदम रखा. माता-पिता उसकी शादी कराकर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते थे. सिल्क स्मिता की शादी बहुत कम उम्र में ही एक शराबी मजदूर से करवा दी. माता पिता का बोझ तो कम हुआ लेकिन सिल्क स्मिता की जिंदगी नर्क हो गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ससुराल में उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता था. तंग आकर सिल्क स्मिता ने एक दिन घर छोड़ दिया और एक हीरोइन के घर काम करने लगीं. बस यहीं से उन्हें फिल्मी दुनिया में जाने का रास्ता मिला.
फिल्मी दुनिया में सिल्क स्मिता तेज रफ्तार से आगे बढ़ती चली गईं. सिल्क स्मिता ने चार ही साल में दो सौ से ज्यादा फिल्में कर डालीं. उनकी फीस हर गाने के लिए 50 हजार रु. बताई जाती है. ये भी कहते हैं कि वो जिस फिल्म में होती थीं उसका मिजाज बदल जाता था. कमल हासन और श्रीदेवी की फिल्म सदमा इसी का उदाहरण है. मूंद्रम पिराई नाम की तमिल फिल्म की रीमेक सदमा थोड़ी स्लो और जज्बाती कहानी थी. लेकिन मेकर्स फिल्म में कुछ मसाला एड करना चाहते थे. इस काम के लिए उन्हें सिल्क स्मिता से बेहतर कोई विकल्प नहीं मिला. कुछ ही देर के लिए सिल्क स्मिता इस फिल्म में नजर आती हैं और उस बीच फिल्म का पूरा फ्लेवर ही बदल जाता है. नॉर्थ से लेकर साउथ तक अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर सिल्क स्मिता का 23 सितंबर 1996 को निधन हो गया था.
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