की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच सुनवाई करेगी. गुजरात हाइकोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर के आदेश दिए थे. इसके ख़िलाफ तीस्ता सीतलवाड़ ने याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट से तीस्ता को एक हफ़्ते की राहत मिली थी. शनिवार को एससी ने स्पेशन बेंच का गठन कर तीस्ता को 1 हफ्ते के लिए
गिरफ्तारी से संरक्षण दिया था.
जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच तीस्ता सीतलवाड़ मामले की सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कहा था कि तीस्ता सीतलवाड़ पिछले 8-9 महीने से जमानत पर हैं. अगर वो तुरंत सरेंडर नहीं करेंगी, तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा. गुजरात सरकार की दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा कि हाईकोर्ट को कम से कम सांस लेने का वक्त देना चाहिए था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की इस मुद्दे पर राय अलग-अलग रही, इस कारण इस मामले को सीजेआई के पास भेज दिया गया है.
अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो सितंबर को अंतरिम जमानत दी थी. उस बात को 8-9 महीने बीत गए हैं. हाईकोर्ट को सरेंडर के लिए इतना वक्त तो देना चाहिए था कि बड़ी अदालत विचार कर सके.
तीस्ता सीतलवाड़ पर क्या आरोप हैं?
गुजरात उच्च न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी थी और उन्हें 2002 के गोधराकांड के बाद हुए दंगों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सुबूत गढ़ने से जुड़े एक मामले में तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा गया था. न्यायमूर्ति निर्जर देसाई की अदालत ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज की और उन्हें तत्काल आत्मसमर्पण करने को कहा था, क्योंकि वह पहले ही अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर हैं.
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