logo

  • 21
    10:47 pm
  • 10:47 pm
logo Media 24X7 News
news-details
क्राइम

छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला कैसे हुआ उजागर... जानें इस मामले की पूरी जानकारी

देश में इन दिनों दो कथित शराब घोटालों की बड़ी चर्चा है. एक देश की राजधानी AAP-शासित दिल्ली के शराब घोटाले की, तो दूसरे कांग्रेस-शासित छतीसगढ़ में 2161 करोड़ के शराब घोटाले की. दोनों जगह के शराब घोटाले सियासी मुद्दा बन चुके हैं. दिल्ली और छत्तीसगढ़, दोनों जगह की सत्ताधारी पार्टियां केंद्र सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगा रही हैं. दोनों घोटाले में समानताएं भी हैं, लेकिन असल में दोनों शराब घोटालों में काफी अंतर है.

 

छत्तीसगढ़ सरकार के करीबी अफसर IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है, जिसमें रायपुर महापौर एजाज ढेबर का भाई अनवर धेनर अवैध वसूली करता है. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA Act के तहत मामला दर्ज किया. आयकर विभाग से मिले दस्तावेज के आधार पर ED ने अब तक की जांच, गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया है.

ED ने अपनी चार्जशीट में बताया, किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिये आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ. ED ने चार्जशीट में कहा है कि साल 2017 में अच्छे मकसद से आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिये शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिये भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ. ED ने अपनी चार्जशीट में 3 स्तर का घोटाला बताते हुए इसे भाग A, B, C में बांटा है.

भाग A के तहत CSMCL के MD अरुणपति त्रिपाठी को अपने पसंद के डिस्टिलर की शराब को परमिट करना था, जो रिश्वत-कमीशन को लेकर सिंडिकेट का हिस्सा हो गए थे. देशी शराब के एक केस पर 75 रुपये कमीशन दिया जाना था, जिसे त्रिपाठी डिस्टिलर और सप्लायर से कमीशन लेकर एक्सेलशीट तैयार करते, किससे कितना कमीशन आया, उसे अनवर ढेबर को दिया जाता था.

भाग B के तहत अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी के सिंडिकेट ने देशी शराब और अंग्रेजी शराब ब्रांड के होलोग्राम बनाकर बेहिसाब शराब CSMCL की दुकानों में बेचीं, जिससे सीधे तौर से राजस्व की राज्य को हानि हुई.

भाग C में डिस्टिलर और ट्रांसपोर्टर से एनुअल कमीशन शामिल है. आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिये CSMCL की दुकानों में सिर्फ तीन ग्रुप की शराब बेची जाती थीं, जिनमें केडिया ग्रुप की शराब 52 प्रतिशत, भाटिया ग्रुप की 30 प्रतिशत और वेलकम ग्रुप की 18 प्रतिशत हिस्सा शामिल है.

 

ED ने छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है. रायपुर एजाज ढेबर के कारोबारी भाई अनवर ढेबर, CSMCL के MD रहे अरुणपति त्रिपाठी, शराब कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन, नितेश पुरोहित और अरविन्द सिंह को गिरफ़्तार किया गया है, जो जेल में हैं. लोअर कोर्ट में सभी की ज़मानत याचिका ख़ारिज हो चुकी है.

 

दिल्ली सरकार ने 2021 के लिए नई आबकारी नीति बताई, जिसे लेकर कहा गया कि शराब सस्ती हो जाएगी, जिस पर विपक्ष ने सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और जुलाई, 2022 में दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली के उपसचिव से शराब नीति पर रिपोर्ट मांग ली. उस रिपोर्ट पर उपराज्यपाल ने CBI जांच की अनुशंसा कर दी. उसी केस में CBI ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को मुख्य आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार किया. इस मामले में 15 से ज़्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया.

 

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, और दोनों ही केंद्र सरकार पर एजेंसी के दुरुपयोग का आरोप लगा रही हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि जहां विपक्ष की सरकार है, वहां ED, IT, CBI रेड करती हैं. छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है. छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले ED को भेज दिया गया है. उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार आम लोगों के लिए स्कूल-अस्पताल बना रही है, लोगों के लिए काम कर रही है, इसलिए उनके शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया को फंसाया गया है, लेकिन आम आदमी पार्टी अपना काम करती रहेगी.

 

You can share this post!

Comments

Leave Comments