आप अगर 80 या 90 के दशक के बच्चे हैं तो एक गीत आपने जरूर सुना होगा. ये गीत है मिले सुर मेरा तुम्हारा. उस दौर में ये गीत दूरदर्शन पर बार बार प्ले होता था. बच्चा इस गीत को गुनगुनाता था. गाने के जैसे बोल थे उसकी आत्मा को भी वैसा ही रखा गया. जब बात सुर से सुर मिलाने की थी तो देश की हर बोली हर जुबान के शब्दों के साथ सुर मिलाए गए. सुर से सुरों को जोड़ने के लिए बड़े बड़े सितारे, स्थानीय कलाकार और खिलाड़ी भी गीत में शामिल हुए. पंडित भीमसेन जोशी की क्लासिकल वॉइस से शुरू होने वाला ये गीत आज भी बेनजीर है.
ये गाना पहली बार साल 1988 में गाया गया, वो भी 15 अगस्त के स्वाधीनता समारोह के बाद. स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के भाषण के बाद इस गीत की पहली प्रस्तुति दी गई. इस मशहूर गीत को लिखा है पीयूष पांडे ने और म्यूजिक कंपोज किया खुद पंडित भीमसेन जोशी और अशोक पटकी ने. भारत की सभी भाषा और हर जगह की दिग्गज हस्तियों को जोड़कर गाना बनाने की चर्चा सबसे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और जयदीप समर्थ के बीच शुरू हुई थी. बता दें कि जयदीप समर्थ एक्ट्रेस नूतन और तनुजा के भाई थे. उन्हीं के कहने पर पंडित भीमसेन जोशी इस मेगा प्रोजेक्ट का हिस्सा बने थे.
इस गाने में तकरीबन हर भाषा के दिग्गज ने अपनी आवाज दी है. पंडित भीमसेन जोशी के अलावा लता मंगेशकर की आवाज भी इस गीत में सुनाई देती है. हिंदी, असमी, कश्मीरी, पंजाबी, तमिल, तेलूगु, हरियाणवी, मलयालम, बंगाली सिन्धी, कन्नड़, ओड़िया, गुजराती और मराठी भाषा में इसके बोल लिखे गए हैं. उस वक्त के दिग्गज सितारे अमिताभ बच्चन, जितेंद्र, मिथुन चक्रवर्ती, हेमा मालिनी, तनूजा इस गीत में नजर आते हैं. उनके अलावा खिलाड़ियों में सुनील गावस्कर, पीटी उषा, कपिल देव, प्रकाश पादुकोण, मंसूर अली खान पटौदी और मिल्खा सिंह की झलक भी दिखाई देती है.
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