राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला तेज करते हुए पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने रविवार को कहा कि अगर वह नहीं होते तो गहलोत जेल में होते, लेकिन उन्हें बर्खास्त करने से पहले सफाई का भी मौका नहीं दिया गया. झुंझुनू जिले में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "अगर राजेंद्र गुढ़ा नहीं होते, तो मुख्यमंत्री जेल में होते."
एक 'लाल डायरी' का जिक्र करते हुए गुढ़ा ने दावा किया कि उन्होंने कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान मुख्यमंत्री के निर्देश पर ‘लाल डायरी' को सुरक्षित रखा था. सैनिक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा, पंचायती राज और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रहे गुढ़ा को विधानसभा में कानून और व्यवस्था पर राज्य सरकार को घेरने के कुछ घंटों बाद शुक्रवार शाम को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था.
उन्होंने रविवार को झुंझुनू में एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहने के बजाय सीधे बर्खास्त कर दिया गया. उन्होंने कहा, "अगर आपने(गहलोत ने) मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहा होता तो मैं इस्तीफा दे देता...आपको फोन करना चाहिए था और नोटिस देना चाहिए था."
गुढ़ा ने कहा कि न्यायाधीश भी कार्रवाई से पहले एक मौका देते हैं. उन्होंने एक लाल रंग की डायरी का अस्पष्ट जिक्र करते हुए कहा कि गहलोत ने उनसे एक डायरी सुरक्षित रखने को कहा था. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कहने पर उन्होंने डायरी सुरक्षित रख ली थी. उन्होंने यह भी पूछा कि डायरी में क्या है.
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