हर साल 22 जुलाई को नेशनल फ्रैगाइल एक्स अवेयरनेस डे (National Fragile X Awareness Day) मनाया जाता है. इसे मनाने का उदेश्य लोगों को फ्रैगाइल एक्स सिंड्रोम (F.X.C.) के प्रति जागरूक करना है. दुनिया भर में ऑटिज्म और बौद्धिक अक्षमता के अनुवांशिक कारणों में फ्रैगाइल एक्स सिंड्रोम (F.X.C.) सबसे आम है. फिलहाल इस बीमारी का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है. यह अनुवांशिक बीमारी डीएनए के एक्स क्रोमोजोम पर एक जीन के पूरी तरह काम करना बंद कर देने के कारण उत्पन्न होती है. यह जीन, विशेष रूप से, मस्तिष्क के विकास के लिए जिम्मेदार प्रोटीन के सिंथेसाइज के लिए जरूरी होता है. फ्रैगाइल एक्स सिंड्रोम (F.X.C.) में इस प्रोटीन की कमी हो जाती है जिससे मस्तिष्क में विकास संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती हैं. आइए जानते हैं क्यों (History of National Fragile X Awareness Day) मनाया जाता है नेशनल फ्रैगाइल एक्स अवेयरनेस डे और क्या है इसका महत्व (Significance of National Fragile X Awareness Day).
दुनिया भर में ऑटिज्म और बौद्धिक अक्षमता के अनुवांशिक कारणों में फ्रैगाइल एक्स सिंड्रोम (F.X.C.) सबसे आम है. इससे प्रभावित बच्चों में बोलने और भाषा संबंधित विकास में देरी होती है. इसके साथ दौरा पड़ना, ऑटिज़्म और बौद्धिक अक्षमताएं भी हो सकती हैं. 1990 के दशक में एक्टिविस्ट समूहों ने फ्रैगाइल एक्स सिंड्रोम को लेजिस्लेटिव मान्यता दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया था. द चिल्ड्रेन हेल्थ एक्ट 2000 में फ्रैगाइल एक्स सिंड्रोम, ऑटिज़्म, जुवेनाइल अर्थराइटिस, जुवेनाइल डायबिटिज और बचपन में अस्थमा जैसी अन्य स्थितियों से संबंधित शोध कार्यों को बढ़ावा दिए जाने का निश्चय किया गया. इस संघर्ष में एफआरएएक्सए (FRAXA) और डेविड ब्रुस्बी का सबसे अधिक योगदान था. ब्रुस्बी ने लोगों को जागरूक करने के लिए एफआरएएक्सए से एक दिन समर्पित करने के लिए कहा और 22 जुलाई 2000, को पहला नेशनल फ्रैगाइल एक्स अवेयरनेस डे बन गया.
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