मिलिया इस्लामिया में छात्र अब मेडिकल की भी पढ़ाई कर सकेंगे. केंद्र सरकार ने जामिया में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की अनुमति दे दी है. इसकी घोषणा विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह में कुलपति नजमा अख्तर ने की. बता दें कि जामिया विश्वविद्यालय पिछले कई सालों से मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहा था. रविवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने अपना शताब्दी वर्ष का दीक्षांत समारोह मनाया. इस मौके पर देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनकर और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रदान की मौजूदगी में कुलपति ने आभार व्यक्त किया. इस मौके पर उन्होंने कहा, ''हमारे पास दंत चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, प्राथमिक चिकित्सा स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन जामिया में एक मेडिकल कॉलेज नहीं है. एक वीसी के रूप में, मैंने हमेशा अपने छात्रों और संकाय की ओर से एक मेडिकल कॉलेज के लिए अनुरोध किया है. हमने इसके लिए भारत सरकार से अनुरोध किया और अब मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि जामिया को परिसर में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की अनुमति दी गई है.''
उन्होंने कहा, "हमारी कड़ी मेहनत सफल हुई है. हमारा कई वर्षों का सपना आज सच हो गया है. मैं इसमें हमारी मदद करने के लिए हमारे देश के प्रधान मंत्री, शिक्षा मंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को धन्यवाद देना चाहती हूं."
इसके अलावा कुलपति ने घोषणा की कि विश्वविद्यालय जल्द ही मध्य पूर्व में एक अंतरराष्ट्रीय परिसर स्थापित करने की योजना बना रहा है.
केंद्रीय विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने 2019 और 2020 के छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा देने के लिए रविवार को विज्ञान भवन अपने शताब्दी वर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजन किया. इन दो वर्षों में लगभग बारह हजार पांच सौ छात्र उत्तीर्ण हुए, जिनमें लगभग 800 स्वर्ण पदक विजेता और पीएच.डी. डिग्री हासिल करने वाले शामिल हैं.
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