सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद ने आज राष्ट्रपति भवन में एक औपचारिक स्वागत समारोह में शामिल हुए. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य मंत्रियों से भी मुलाकात की. इससे पहले दिल्ली में भारत और सऊदी अरब के बीच भारत-सऊदी निवेश समझौते के तहत कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस तीन दिन की राजकीय यात्रा पर भारत आए हैं. 9 और 10 सितंबर को उन्होंने भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत की. आज सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की यात्रा का तीसरा दिन है.
प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में 9 और 10 सिंतबर को हुए जी20 शिखर सम्मेलन से इतर कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से द्विपक्षीय वार्ता की थी. इस दौरान अमेरिका के साथ हुए द्विपक्षीय वार्ता के दौरान रक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI)समेत कई क्षेत्रों में समझौतों पर सहमति बनी. आज भारत और सऊदी अरब के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता संभव है. विदेश मंत्रालय ने बताया था कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस 11 सितंबर 2023 तक राजकीय यात्रा के लिए भारत में रहेंगे. हालांकि, ये जानकारी नहीं दी गई थी कि 11 सितंबर को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस आज सबसे पहले राष्ट्रपति भवन पहुंचेंगे, जहां उनका औपचारिक राजकीय स्वागत किया जाएगा. इसके बाद वह हैदराबाद हाउस पहुंचेंगे, जहां उनकी प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात होगी. इस मुलाकात के बाद सऊदी क्राउन प्रिंस दोपहर 12 बजे के आसपास वहीं भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद की पहली बैठक के मिनट्स पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है. सऊदी अरब के प्रधानमंत्री शाम करीब 6 बजकर 30 मिनट पर फिर राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वह रात करीब 8 बजकर 30 मिनट पर नई दिल्ली से रवाना होंगे.
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस की भारत की यह दूसरी राजकीय यात्रा है. इससे पहले वह फरवरी 2019 में भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर आए थे. भारत और सऊदी अरब के रिश्ते अब और घनिष्ठ होने जा रहे हैं. जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान सऊदी अरब ने भारत, अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच एक मेगा भारत-मध्य पूर्व-यूरोप शिपिंग और रेलवे कनेक्टिविटी कॉरिडोर शुरू करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते की घोषणा की है. ऐतिहासिक और अपनी तरह की पहली पहल है. इस प्रोजेक्ट की लागत सभी देश मिलकर वहन करेंगे.
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