खालिस्तानी नेता की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव ने उन परिवारों को चिंता में डाल दिया है, जिनका कोई सदस्य कनाडा में पढ़ रहा है या फिर वहां काम कर रहा है. इन परिवारों ने दोनों देशों से इस मुद्दे को मैत्रीपूर्ण ढंग से सुलझाने की मांग की है. भारत ने बृहस्पतिवार को कनाडा के लिए अपनी वीजा सेवाएं ‘‘अगले नोटिस तक स्थगित'' कर दीं.
जून में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित' संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में गिरावट के बीच यह कदम उठाया गया है. पंजाब के कई परिवार भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद से चिंतित हैं. पंजाब के लोगों के लिए पढ़ाई करने और बसने के लिए पसंदीदा देशों में से एक कनाडा है.
कपूरथाला में एक स्थानीय दुकानदार ऋषिपाल ने बताया कि वह अपनी बेटी के लिए चिंतित हैं, जो आठ महीने पहले पढ़ाई करने के वीजा पर कनाडा गई है. लुधियाना जिले के गांधी नगर इलाके में रहने वाले गोपाल ने बताया कि उसके दो बेटे उच्च शिक्षा के लिए कनाडा गए हैं और वह वर्तमान के हालात को देखते हुए चिंतित हैं.
भारत के हाल ही में वीजा सेवाओं को निलंबित करने के फैसले ने उन कनाडाई नागरिकों को भी परेशान कर दिया, जो पंजाब में अपने मूल स्थानों की यात्रा करना चाहते हैं. कपूरथला के मदन लाल शर्मा(75) और उनकी पत्नी पांच दिन पहले ही कनाडा से लौटे हैं. शर्मा ने बताया कि उनके बेटे अतुल शर्मा और अमित शर्मा कनाडा के नागरिक हैं और एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत की योजना बना रहे थे, लेकिन वीजा सेवाओं के निलंबित होने से वे भारत नहीं आ सकते हैं.
अर्शपाल सिंह (38) और उनकी पत्नी को काम करने के परमिट पर 12 अक्टूबर को कनाडा जाना है. सिंह ने बताया कि वह थोड़ा चिंतित हैं, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि सब जल्दी ठीक हो जाएगा. दंपति ने कनाडा में बसने के लिए देश में अपनी नौकरी भी छोड़ दी है.
कपूरथला स्थित ‘इमिग्रेशन कंसल्टेंसी सर्विसेज कंपनी' के प्रतिनिधि इंद्रपाल सिंह ने बताया कि उन्हें आठ से नौ कनाडाई नागरिकों के फोन आए हैं, जो इस साल नवंबर महीने में शादी समारोह में शामिल होने के लिए भारत आना चाहते हैं. सिंह ने बताया कि उन्होंने हालात को देखते हुए होटल में बुकिंग और टिकट रद्द कर दिए हैं. यह स्थिति उनके कारोबार को भी प्रभावित करेगी. उत्तरी अमेरिकी देश में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए भारत-कनाडा संबंधों में तनाव है. भारत का मानना है कि ट्रूडो सरकार उसके वास्तविक मुद्दों का समाधान नहीं कर रही है.
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