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भारत

"दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी Aadhaar के खिलाफ दावे आधारहीन": मूडीज के आरोपों पर केंद्र सरकार

 

केंद्र सरकार ने ग्लोबल क्रेडिट एजेंसी मूडीज द्वारा  कार्ड (Aadhaar Card) को लेकर किए गए दावों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. हाल में मूडीज इन्वेस्टवर्स सर्विस ने एक रिपोर्ट जारी की थी. जिसमें आधार कार्ड की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए गए थे. ग्लोबल क्रेडिट एजेंसी मूडीज ने कहा था कि आधार प्राइवेसी और सिक्योरिटी रिस्क पैदा करता है. वहीं, आधार को भारत के मौसम से जोड़ते हुए मूडीज ने कहा था कि यहां मौसम में काफी नमी रहती है. इस तरह के मौसम में बायोमेट्रिक टेक्नोलॉजी (Biometric Technology) का उपयोग अविश्वसनीय है.

 

केंद्र ने सोमवार को मूडीज के इन दावों को आधारहीन और सबूतों की कमी करार दिया है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई (UIDAI) ने मूडीज के इन आरोपों का पूरी तरह खंडन किया कि आधार सिस्टम (Aadhaar System) खासकर गर्म और नमी वाले जलवायु में मजदूरों के लिए अक्सर सर्विस देने से इनकार करती है.

 

सरकार ने एक बयान में कहा, "एक इन्वेस्टर्स सर्विस ने बिना किसी सबूत या आधार का हवाला दिए हुए दुनिया की सबसे भरोसेमंद डिजिटल आईडी आधार के खिलाफ कई दावे किए हैं. पिछले दशक में, एक अरब से अधिक भारतीयों ने खुद को प्रमाणित करने के लिए 100 अरब से अधिक बार इसका उपयोग करके आधार पर अपना भरोसा जताया है."

 

बयान में कहा गया है कि आईएमएफ (IMF) और वर्ल्ड बैंक (World Bank) जैसे वैश्विक निकायों ने आधार की सराहना की है. कई देशों ने समान डिजिटल आईडी सिस्टम को लागू करने के तरीके को समझने के लिए UIDAI से संपर्क किया है. इसके विपरीत मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि एक साथ यूजर्स की पहचान संबंधी डिटेल्स पर कंट्रोल और ऑनलाइन रिसोर्स  एक्सेस के साथ सेंट्रेलाइज्ड सिस्टम यूजर्स के लिए प्राइवेसी और सिक्योरिटी रिस्क पैदा करती है.

 

"इस रिपोर्ट में किए गए दावे में प्राइमरी या सेकंडरी डेटा या रिसर्च का हवाला नहीं दिया गया है. इन्वेस्टर्स सर्विस ने UIDAI को लेकर में उठाए गए मुद्दों के संबंध में फैक्ट्स का पता लगाने का कोई प्रयास नहीं किया. सरकार ने कहा कि मूडीज की रिपोर्ट यह बताने करने में विफल रही कि बायोमेट्रिक सबमिशन कॉटेक्टलेस जैसे फेस ऑथेंटिकेशन और आईरिस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से भी हो सकता है."

इसके अलावा, कई उपयोग के मामलों में मोबाइल ओटीपी का विकल्प भी उपलब्ध है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सेंट्रेलाइज्ड आधार सिस्टम में  प्राइवेसी और सिक्योरिटी को लेकर कमजोरियां हैं. इस संबंध में संसद में सवालों के जवाब में तथ्यात्मक स्थिति का बार-बार खुलासा किया गया है. जिसमें संसद को स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि आधार डेटाबेस से अब तक कोई उल्लंघन की सूचना नहीं मिली है.

 

सरकार ने जोर देकर कहा कि मजदूरों को एमजीएनआरईजीएस डेटाबेस में अपने आधार नंबर जोड़ने के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है, न ही  इस योजना के तहत उन्हें भुगतान प्राप्त करने के लिए इसकी आवश्यकता है.

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में नई दिल्ली में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के दौरान वर्ल्ड बैंक द्वारा तैयार किए गए G20 ग्लोबल पार्टनरशिप फॉर फाइनेंशियल इनक्लूजन (GPFI) दस्तावेज़ में मोदी की सरकार द्वारा पिछले दशक में भारत में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के शानदार बदलाव की प्रशंसा की गई थी.
 

 

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