रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने (Cash For Query)के आरोप में पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा(Mahua Moitra)की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इस मामले में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी (Darshan Hiranandani) ने महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हीरानंदानी ने सरकारी गवाह बनकर 19 अक्टूबर को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें बताया कि उनके पास महुआ का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था. इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डाल देते थे. हीरानंदानी का यह भी कहना है कि महुआ मोइत्रा ने संसद में गौतम अदाणी (Gautam Adani) पर इसलिए आरोप लगाए, ताकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की छवि बिगाड़ सकें. हीरानंदानी ने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया है.
हीरानंदानी का यह भी कहना है कि महुआ मोइत्रा ने संसद में गौतम अदाणी पर इसलिए आरोप लगाए, ताकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बिगाड़ सकें. हीरानंदानी ने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया है. हीरानंदानी के कबूलनामे के बाद कई सांसदों और नेताओं ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया दी है.
झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को चिट्ठी लिखी थी. इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे. अब दर्शन हीरानंदानी के कबूलनामे के साथ पूरे मामले का खुलासा होने के बाद बीजेपी सांसद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. निशिकांत दुबे ने X पर लिखा- "देश की सुरक्षा और संसद की गरिमा मेरे लिए सर्वोपरि है. सत्यमेव जयते."
इस हफ्ते की शुरुआत में BJP MP निशिकांत दुबे, महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर और वकील जय अनंत देहाद्राई ने मोइत्रा पर हीरानंदानी से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप लगाए थे. जय अनंत देहाद्रराई ने लिखा- 'सच की हमेशा जीत होती है.'
पश्चिम बंगाल के बीजेपी नेता शिशिर बाजोरिया ने कहा, "आप एक ही चीज को 100 बार दोहरा लो तो ये सच नहीं बन जाता है. एक ही सवाल को आप 100 बार दाग लो, तो इसका ये मतलब नहीं है कि आप जो सवाल कर रहे हैं, वही सच है. इस केस में ये दिख रहा है."
पॉलिटिकल एक्सपर्ट पीकेडी नांबियार ने कहा, "जो हमें दिखता है, वो हमेशा सच नहीं होता. दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे के बाद महुआ मोइत्रा के और एक्सपोज होने के लिए कुछ बचा नहीं है. मुझे लगता है कि ये न सिर्फ एंटी नेशनल एक्टिविटी है, बल्कि एक गंभीर अपराध भी है. एक सांसद के तौर पर आपको जो विशेषाधिकार मिले हैं, आपने उसका दुरुपयोग किया. अपने फायदे के लिए इन विशेषाधिकारों का इस्तेमाल किया."
टीएमसी नेता माजिद मेमन ने इस मामले पर कहा, "ये बड़ी दुख की बात है कि इस तरह के प्रचार को इतनी हवा देकर कुछ इस तरह से फैलाया जाता है, जैसे किसी भी व्यक्ति के खिलाफ और विशेषतौर पर किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति जैसे सांसद हो या मंत्री हो. ऐसे लोगों के खिलाफ इस किस्म के आरोपों को इस तरह से प्रचारित किया जाता है, जिससे लगता है कि वो दोषी है. जहां तक कि महुआ वाला मामला है... ये आरोप लगाना कि संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे दिए गए... इस तरह का झूठा आरोप लगाना कोई मुश्किल नहीं है."
BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, "पूरे महुआ मोइत्रा मामले में एक नहीं, बल्कि दो प्रमुख व्यक्तियों और हितधारकों द्वारा हलफनामे पर लगाए गए गंभीर आरोपों के प्रकाश में, संसदीय प्रणाली का पूर्ण समझौता, संसदीय नैतिकता का एक बड़ा समझौता, बदले की भावना से प्रेरित व्यापक आर्थिक राष्ट्रीय हितों के खिलाफ साजिश, कथित भ्रष्टाचार और संसदीय लॉगइन को साझा करने के संबंध में अवैधता का संकेत मिलता है."
उन्होंने कहा, "अतः सांसद - महुआ मोइत्रा को जांच लंबित रहने तक सांसद पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, यह देखते हुए कि वह खुद दुनिया के लिए उच्च नैतिक मानक स्थापित करती हैं या फिर ममता दीदी और टीएमसी (जो इस पूरे मामले में शुतुरमुर्ग बन गयी है) उसे जल्द से जल्द बर्खास्त करना चाहिए."
उधर, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. महुआ ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, एक वकील और कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर रोक लगाने की बात कही है.
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