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भारत

मुंबई की आबोहवा खराब! पिछले 5 सालों में दोगुना से ज्यादा हुआ प्रदूषण: स्टडी में खुलासा

मुंबई की आबोहवा लगातार खराब (Mumbai Poor Air Quality) होती जा रही है. पिछले पांच सालों में महानगर की हवा की क्वालिटी में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. दिल्ली के हालात भी इस मामले में अच्छे नहीं हैं. ये दावा एक स्टडी में किया गया है. सर्दियां आते ही अक्टूबर महीने में एयर क्वालिटी दक्षिण की ओर जाने लगती है. स्टडी से पता चला है कि मुंबई में 2019 से 2023 के बीच प्रदूषण दोगुना हो गया है. क्लाइमेट-टेक स्टार्ट-अप रेस्पिरर लिविंग साइंसेज की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता, इन सभी जगहों पर सबसे ज्यादा प्रदूषणकारी पीएम (पार्टिकुलेट मैटर) 2.5 में तेजी देखी जा रही है.

 

मुंबई में 2019 और 2020 के बीच पीएम 2.5 से बढ़कर 54.2 प्रतिशत हो गया और 2021 में (3 प्रतिशत) और 2022 में (0.9 प्रतिशत) में मामूली गिरावट के बाद, 2023 में फिर से 42.1 प्रतिशत बढ़ गया. मुंबई के अधिकारियों ने प्रदूषण से निपटने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है, जिसमें 350 BEST बसों में एयर फिल्टर लगाना, भीड़ वाली जगहों पर वर्चुअल चिमनी लगाना, विशेष स्ट्रीटलाइट लगाना और चुनिंदा उद्यानों में हवा शोधन प्रणाली स्थापित करना शामिल है.

 

 

मुंबई के लिए स्प्रिंकलर लगे 30 वाहनों का भी ऑर्डर दिया है और उद्योगों को चिमनी की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कहा गया है. दिल्ली में 2019 और 2020 के बीच पीएम 2.5 के स्तर से तेजी से बढ़कर (32 प्रतिशत), 2021 में (43.7 प्रतिशत), और 2022 और 2023 में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई. हालांकि दिवाली के साथ प्रदूषण और बढ़ने की उम्मीद है. शहर के कुछ हिस्सों में हवा की क्ववलिटी "गंभीर" श्रेणी में है और कुछ और दिनों तक "बहुत खराब" होने की आशंका है.

 

 

साल 2019 और 2020 के बीच हैदराबाद में पीएम 2.5 में 59 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. 2021 में 2.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और 2022 में 29.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. इस साल पीएम में 18.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हालांकि कोलकाता में प्रदूषण का स्तर कुछ कम है. साल 2019 और साल 2020 के बीच पीएम 2.5 के स्तर में गिरावट (26.8 प्रतिशत) हुई, जो 2021 में 51.7 प्रतिशत तक बढ़ गई. 2022 में इसमें 33.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई लेकिन इस साल फिर से 40.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

चार राज्यों की राजधानियों लखनऊ, पटना, बेंगलुरु और चेन्नई में, अप्रत्याशित रूप से पिछले साल की तुलना में इस साल पीएम2.5 के स्तर में गिरावट देखी गई है. चेन्नई में प्रदूषण के स्तर में सबसे ज्यादा गिरावट आई, उसके बाद बेंगलुरु में (11.6 प्रतिशत), पटना में (11.1 प्रतिशत) और लखनऊ में (0.9 प्रतिशत) रहा.

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिगड़ती हवा की गुणवत्ता पर चिंता जताते हुए  दिल्ली और उसके चार पड़ोसी राज्यों - पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों पर एक रिपोर्ट मांगी है. बता दें कि पंजाब और हरियाणा समेत उत्तरी राज्यों में पराली प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह है. रविवार को पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 740 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई. पूरे राज्य में पराली जालाने की करीब की 1,068 घटनाएं हुईं. ये मामले कटाई के मौसम में एक दिन में सबसे ज्यादा हैं, जिनको सैटेलाइट से कैप्चर किया गया था. 

 

 

 

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