logo

  • 05
    01:43 pm
  • 01:43 pm
logo Media 24X7 News
news-details
क्राइम

केंद्र की साइबर निगरानी संस्था CERT-In आईफोन "हैकिंग" प्रयास के आरोपों की जांच करेगी

आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि केंद्रीय ऑनलाइन सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन (भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम) आईफोन "हैकिंग" प्रयासों के विपक्ष के दावे की जांच करेगी. CERT-In हैकिंग और फ़िशिंग जैसे साइबर सुरक्षा खतरों का जवाब देने के लिए जिम्मेदार राष्ट्रीय एजेंसी है. महुआ मोइत्रा, प्रियंका चतुवेर्दी, राघव चड्ढा, शशि थरूर, पवन खेड़ा और सीताराम येचुरी सहित कई विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें एप्पल अलर्ट मिला है जिसमें उनके आईफोन में राज्य प्रायोजित हैकिंग की चेतावनी दी गई है.

 

आईफोन निर्माता एप्पल ने मंगलवार को कहा था कि वह विपक्षी दलों के कुछ सांसदों को भेजे गए चेतावनी संदेश को किसी विशिष्ट सरकार-प्रायोजित सेंधमारों से नहीं जोड़ती और वह इस बारे में जानकारी नहीं दे सकती है कि ऐसी चेतावनियों का कारण क्या है. कंपनी ने कहा था, ‘‘ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण और अधूरे होते हैं. यह संभव है कि एप्पल के खतरे संबंधी कुछ सूचनाएं गलत चेतावनी हो सकती हैं या कुछ हमलों का पता नहीं चल पाता.''हालांकि, एप्पल ने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि विपक्षी नेताओं को किस वजह से चेतावनियां मिलीं

 

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा सहित विपक्षी सांसदों और नेताओं ने मांग की कि सरकार अलर्ट मुद्दे के बारे में सवालों के जवाब दे, और जांच के लिए आईटी की संसदीय स्थायी समिति की बैठक बुलाए.  सीपीआई (एम) के सांसद जॉन ब्रिटास ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रतापराव जाधव को पत्र लिखकर अधिसूचना संदेशों की जांच के लिए समिति की तत्काल बैठक बुलाने का आग्रह किया.

संसदीय आईटी समिति में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि समिति इस मामले पर विचार नहीं कर सकती. दुबे के अनुसार, लोकसभा नियमों के तहत, केंद्र सरकार के पास अपने ग्राहकों को ऐप्पल की चेतावनी की जांच करने का अधिकार क्षेत्र है, जबकि राज्य पुलिस आरोपों को और अधिक सत्यापित करने के लिए उनके आईफोन की जांच कर सकती है.

 

You can share this post!

Comments

Leave Comments