राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने टेंग्नौपाल जिले के लीथू गांव में गोलीबारी में कम से कम 13 लोगों के मारे जाने के मामले पर शुक्रवार को मणिपुर सरकार और राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया है. NHRC ने एक बयान में कहा, यह घटना कानून लागू करने वाली एजेंसियों और राज्य में शांति और कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए तैनात बलों की ओर से एक बड़ी "चूक" का संकेत देती है.
मानवाधिकार आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत:संज्ञान लिया है जिसमें मणिपुर के टेंग्नौपाल जिले के सैबोल के पास लीथू गांव में गोलीबारी में कम से कम 13 लोग मारे गए. यह घटना कथित तौर पर 4 दिसंबर को हुई थी.
आयोग ने पाया है कि मीडिया रिपोर्ट कॉन्टेंट अगर सच है, तो यह मानवाधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है और चिंता का विषय है. इसके तहत राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. बयान में कहा गया है कि दो सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट दी जाएगी.
NHRC पैनल ने नोटिस जारी कर कहा कि रिपोर्ट में पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की स्टेटस और राज्य में कहीं भी हिंसा की ऐसी घटनाएं न हों यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदम शामिल होने चाहिए.
लीथू गांव तेंगनौपाल जिले में स्थित है. मणिपुर में जातीय संघर्ष के दौरान यह क्षेत्र प्रभावित नहीं हुआ था. तेंगनौपाल जिले की सीमा म्यांमा से लगती है. गांव में कोई सड़क संपर्क नहीं है और अक्सर उग्रवादी समूहों द्वारा म्यांमा जाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. लीथू गांव से म्यांमा की सीमा 15 किलोमीटर दूर है.
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