पीएम मोदी देश में ही नहीं दुनियाभर में काफी लोकप्रिय हैं. इस बात का अंदाजा मॉर्निंग कंसल्ट के एक सर्वेक्षण में पीएम मोदी (PM Modi Top Global Leader) को मिली रेटिंग से लगाया जा सकता है. सर्वे के मुताबिक पीएम मोदी वैश्विक नेताओं में एक बार फिर टॉप पर हैं, उनको 76 प्रतिशत की अप्रूवल रेटिंग मिली है. अमेरिका की कंसल्टेंसी फर्म के 'ग्लोबल लीडर अप्रूवल रेटिंग ट्रैकर' के मुताबिक, भारत में 76 फीसदी लोग पीएम मोदी के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं, जबकि 18 फीसदी लोगों को उनका नेतृत्व पसंद नहीं है. वहीं छह फीसदी लोगों ने इस अपनी अपनी कोई राय नहीं दी.
रेटिंग के मामले में पीएम मोदी के आसपास कोई भी नहीं हैं. सर्वे में दूसरे नंबर पर मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर हैं, उनको 66 प्रतिशत रेटिंग मिली है. वहीं तीसरे नंबर पर स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति एलेन बर्सेट को 58 प्रतिशत रेटिंग मिली हैं.पिछले सर्वेक्षणों में भी प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक रेटिंग में टॉप पर थे, जब कि अन्य बड़े वैश्विक नेताओं की अप्रूवल रेटिंग काफी कम है.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को अप्रूवल रेटिंग 37 प्रतिशत है, जब कि कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो को 31 प्रतिशत और यूके के पीएम ऋषि सुनक को 25 प्रतिशत रेटिंग मिली है. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को सर्वे में सिर्फ 24 प्रतिशत रेटिंग मिली है. पीएम मोदी की टॉप रेटिंग खासकर बीजेपी द्वारा हिंदी भाषी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज करने के बाद सामने आई है. इसको 2024 में होने वाले आम चुनाव से पहले पीएम मोदी और उनकी पार्टी के लिए एक बड़े प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है.
इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में दुबई में कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज-28 (COP28) जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लिया. पीएम मोदी ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में से है, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने की कोशिशों के तहत इच्छित राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को पूरा करने की राह पर आगे बढ़ रहा हैं, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत 2028 में COP33 की मेजबानी करेगा.
अपनी यूएई यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का ग्लोबल साउथ के देशों पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. उन्होंने रेखांकित किया कि भारत समेत वैश्विक दक्षिण के देशों की जलवायु परिवर्तन में भूमिका छोटी है, लेकिन उन पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव बहुत अधिक है.
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