संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का मास्टर माइंड ललित झा ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस के सामने सरेंडर किया है. इस घटना के बाद से ही ललित झा फरार था. आरोपी ललित बिहार का रहने वाला है लेकिन कोलकाता में शिक्षक के पद पर कार्यरत था. संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले सभी आरोपियों पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि कथित मास्टरमाइंड नीलाक्ष आइच द्वारा संचालित एक एनजीओ का महासचिव था.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आत्मसमर्पण से पहले ललित झा का आखिरी लोकेशन नीमराना के पास दर्ज की थी. पुलिस की कई टीमें उसे गिरफ्तार करने में लगी थी. लेकिन इससे पहले की पुलिस ललित को गिरफ्तार करती उसने पहले ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.
पुलिस की जांच में पता चला है कि चारों आरोपियों का सूत्रधार ललित ही था. ये शुरू से ही सभी आरोपियों के संपर्क में था. पुलिस की जांच में पता चला है कि घटना को अंजाम देने से पहले ललित ने ही चारों आरोपियों के फ़ोन अपने कब्जे में लिये और फरार हो गया. पुलिस को शक है कि मोबाइल में साजिश से जुड़े कई सबूत हो सकते हैं, जिन्हें ललित झा मिटाने की कोशिश कर सकता है.
ललित झा से जुड़ी पश्चिम बंगाल की एनजीओ की भी पड़ताल शुरू कर दी गई है. इस एनजीओ की फंडिंग की भी जांच हो रही है. इसी NGO में ललित झा जनरल सेक्रेटरी हैं. पुलिस ने बताया कि कोलकाता निवासी ललित झा पेशे से शिक्षक है और सुरक्षा में सेंधमारी मामले में मुख्य साजिशकर्ता है. ललित और अन्य आरोपी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित थे और ऐसा कृत्य करना चाहते थे, जिससे देश का ध्यान उन पर जाए. पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को अब तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है, जिससे इनका संबंध किसी आतंकी समूह से होने का संकेत मिले. उन्होंने बताया कि सभी छह लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक में भगत सिंह ‘फैन पेज' से जुड़े थे.
ललित शिक्षक था, उसने ही कमान संभाली और मनोरंजन को मानसून सत्र के दौरान संसद के सभी प्रवेश द्वारों की रेकी करने (टोह लेने) का निर्देश दिया. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने कहा, "जुलाई में मनोरंजन दिल्ली आया और विजिटर पास के जरिए संसद के अंदर गया. वहां उसे पता चला कि जूतों की तलाशी नहीं ली जाती." बुधवार को ललित चार अन्य लोगों के साथ संसद आया. उनमें से केवल दो लोगों के नाम पर पास थे, ऐसे में ललित ने चारों-सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल के फोन ले लिए. अधिकारी ने बताया कि संसद के बाहर से नीलम और अमोल को हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद ललित ने घटना का वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया और इसे इस समूह का हिस्सा रहे विशाल शर्मा उर्फ विक्की के साथ साझा किया.
ललित की आखिरी लोकेशन राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर नीमराणा में मिली थी. पुलिस ने पहले कहा था कि सभी पांचों आरोपी 10 दिसंबर को मिले थे और गुरुग्राम में विशाल शर्मा के घर पर रुके थे. नीलम, मनोरंजन, अमोल और विशाल हिरासत में हैं और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की है.
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