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केजरीवाल के फोटो वाला पैम्फलेट वायरल, लिखा- मुस्लिमों का मसीहा

दिल्ली में वोटिंग की तारीख नजदीक आते-आते चुनाव और तीखा हो चला है. नेताओं के विवादित बयानों के बाद अब सीधे मुस्लिम समुदाय से वोट की अपील की गई है लेकिन ऐसे विवादित पैम्फलेट किसने छपवाए हैं, यह अभी एक रहस्य है.

  • किसने छपवाए ऐसे पैम्फलेट?
  • केजरीवाल को वोट देने की अपील
  • पर्चे में पीएम मोदी का कड़ा विरोध

दिल्ली चुनाव में आज प्रचार का आखिरी दिन है और अब जनता सीधे 8 तारीख को अपना मुख्यमंत्री चुनने के लिए वोट डालेगी. प्रचार थमने से ठीक पहले गुरुवार को अखबार के साथ दिल्लीवालों के घरों में ऐसे पर्चे पहुंचे जो राजधानी की सियासत गर्माने के लिए काफी हैं. इन पैम्फलेट में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मुसलमानों का मसीहा बताया गया है और उन्हें जालीदार टोपी पहने दिखाया गया है.

राजधानी का चुनाव हाल के दिनों में पूरी तरह से बंटा हुआ नजर आ रहा है जहां विकास और जरूर मुद्दों को छोड़कर धुव्रीकरण की कोशिश हो रही है. चुनाव प्रचार के दौरान कई नेताओं के विवादित बयानों ने सुर्खियां बंटोरी तो कई को अपने बयानों के लिए चुनाव आयोग की पाबंदी भी झेलनी पड़ी. बावजूद इसके नेताओं की गलतबयानी आखिरी वक्त तक जारी है. अब दिल्ली में इन पैम्फलेट के जरिए ध्रवीकरण की कोशिश की जा रही है.

इन पर दिल्ली के मुसलमानों से विनती की गई है और लिखा है, 'कौम की बेहतरी के लिए केजरीवाल को वोट दें. केजरीवाल की कौम का मसीहा है. मोदी को वोट अपनी कौम की कब्र खोदने जैसा है. कौम के वास्ते वोट करें.' इन पैम्फलेट में अपीलकर्ता के तौर पर एक सच्चा मुसलमान लिखा है, हालांकि इसे किस पार्टी या व्यक्ति की ओर से छपवाया गया है इसकी कोई जानकारी नहीं है.

हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति तेज

दिल्ली में बीजपी और आम आदमी पार्टी के बीच शाहीन बाग से लेकर हिन्दू-मुस्लिम के मुद्दे पर खूब सियासत हुई. बीजेपी नेता शाहीन बाद प्रदर्शन को विपक्ष द्वारा प्रायोजित और देश विरोधी करार दे चुके हैं. वहीं गृह मंत्री अमित शाह तक वोट के जरिए शाहीन बाग तक करंट पहुंचाने जैसा बयान दे चुके हैं. हालांकि शाहीन बाद प्रदर्शन को लेकर आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट रुख जाहिर करने से खुद को रोक रखा है और पार्टी प्रदर्शन की वजह से बाधित सड़क को खोलने की वकालत जरूर कर रही है.

बता दें कि दिल्ली में करीब 12 फीसदी मुस्लिम मतदाता है जो राजधानी की आठ सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. ऐसे में हर पार्टी के लिए मुस्लिम वोट अपने पक्ष में लेना जरूर बन गया है. लेकिन अब दिल्ली में मतदान की घड़ी आ चुकी है और गुरुवार शाम 5 बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों  पर वोटों की गिनती 11 फरवरी को होनी है जिसके बाद दिल्ली का मुख्यमंत्री तय होगा.

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