सोने का भंडार मिलने की वजह से उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला अचानक सुर्खियों में है. इस जिले के ग्रामीण इलाकों में 3 हजार टन से अधिक सोने का भंडार मिला है, जिसकी पुष्टि भी हो गई है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस भंडार से देश की इकोनॉमी की दशा और दिशा बदल सकती है
सोने का भंडार मिलने की वजह से उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला अचानक सुर्खियों में है. इस जिले के ग्रामीण इलाकों में 3 हजार टन से अधिक सोने का भंडार मिला है, जिसकी पुष्टि भी हो गई है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस भंडार से देश की इकोनॉमी की दशा और दिशा बदल सकती है. आइए जानते हैं कि भारतीय इकोनॉमी को इससे क्या फायदे होंगे.
. आइए जानते हैं कि भारतीय इकोनॉमी को इससे क्या फायदे होंगे.
- सोनभद्र में सोने के भंडार का एक बड़ा फायदा आयात पर देखने को मिल सकता है. इस बात की संभावना है कि आने वाले वक्त में भारत सोने का आयात कम कर दे. दरअसल, भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा आयातक है.
- सोनभद्र में सोने के भंडार का एक बड़ा फायदा आयात पर देखने को मिल सकता है. इस बात की संभावना है कि आने वाले वक्त में भारत सोने का आयात कम कर दे. दरअसल, भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा आयातक है.
- आयात कम होने का मतलब ये है कि व्यापार घाटा में भी देश को राहत मिलेगी. दरअसल, 2019-20 के अप्रैल-नवंबर में सोने के आयात में कटौती से व्यापार घाटा भी कम हुआ और यह 106.84 अरब डॉलर पर रहा. एक साल पहले इसी अवधि में व्यापार घाटा 133.74 अरब डॉलर पर था.
- जाहिर है कि व्यापार घाटे के कम होने से देश के सरकारी खजाने में पैसों की बचत होगी और राजकोषीय घाटे में सुधार होगा. यहां बता दें कि मोदी सरकार लगातार तीसरे साल राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी.
- जाहिर है कि व्यापार घाटे के कम होने से देश के सरकारी खजाने में पैसों की बचत होगी और राजकोषीय घाटे में सुधार होगा. यहां बता दें कि मोदी सरकार लगातार तीसरे साल राजकोषीय घाटे का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी.
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