थाईलैंड की राजकुमारी महाचक्री सिरिंधोर्न खगोल विज्ञान में नए प्रयोगों की पक्षधर रही हैं। उन्होंने थाई खगोल विज्ञान का हमेशा समर्थन दिया है। यही कारण है कि थाईलैंड के विश्वविद्यालयों में खगोल शिक्षा शुरू की गई है। राजकुमारी के प्रयासों और आर्य भट्ट शोध एवं प्रेक्षण विज्ञान संस्थान एरीज के पूर्व निदेशक डॉ. अनिल के पांडे की पहल पर भारत और थाईलैंड के बीच अंतरिक्ष के संयुक्त अध्ययन का प्रोजेक्ट बना जिसके तहत एरीज और थाईलैंड के वैज्ञानिकों ने 2019 में दर्जनों तारों की खोज की। यह संयोग ही है कि जब राजकुमारी एरीज के भ्रमण पर आई हैं ठीक इसी दौरान विश्व के सबसे प्रमुख शोध जर्नल फिजिक्स डॉट ऑर्ग के फरवरी अंक में एरीज और थाई वैज्ञानिकों के संयुक्त अध्ययन पर महत्वपूर्ण शोध पत्र प्रकाशित हुआ है। शोध में शामिल रहे एरीज के पूर्व निदेशक डॉ. अनिल पांडे चार महीने थाईलैंड में रह कर प्रेक्षण कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि थाई खगोल विज्ञान के विकास के लिए राजकुमारी की पहल ने देश में विश्व स्तर के बुनियादी ढांचा तैयार किया है। परिणामस्वरूप थाईलैंड का राष्ट्रीय खगोलीय अनुसंधान संस्थान एनएआरआईटी एक विश्व स्तर के संस्थान के रूप में उभरा है। थाईलैंड में खगोल विज्ञान ने अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की है।
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