जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा के राजवार इलाके में सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो विदेशी आतंकी मार गिराए गए हैं. हालांकि इस ऑपरेशन में दो बड़े अफसर समेत पांच जवान भी शहीद हो गए हैं. शहीदों में एक कर्नल, एक मेजर, दो सेना के जवान और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं.
दरअसल यह इलाका घने जंगलों वाला है इसलिए आए दिन यहां पर घुसपैठ की घटना होती रहती है. शुक्रवार को सेना को जानकारी मिली थी कि यहां एक घर में कुछ आतंकी छिपे हैं, जिसके बाद सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था.
जिसके बाद राजवार इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया, इस दौरान ही सुरक्षाकर्मियों और आतंकियों के बीच भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई. इस ऑपरेशन में 21-राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा भी थे, जिनसे शनिवार शाम को ही संपर्क टूट गया था.
रविवार सुबह मुठभेड़ वाले इलाके में सर्च किया गया जहां सात शव मिले. इनमें से दो आतंकी हैं जबकि पांच सेना के जवान. इसमें एक कर्नल, मेजर, सेना के दो जवान और पुलिसकर्मी शामिल हैं.
कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
21-राष्ट्रीय राइफल्स जो इलाके की सुरक्षा करते हैं, उन्हें सबसे पहले आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी. जिसके बाद सेना ने ऑपरेशन शुरू किया. उनके सहयोग में पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व बल) के जवान भी इस ऑपरेशन में शामिल थे.
हालांकि सेना को जिस घर में आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी, वो गलत साबित हुआ. इस वजह से कमांडिंग ऑफिसर अपनी पांच सदस्यीय टीम के साथ बगल के एक घर में चले गए और आतंकी उसी घर में छिपे हुए थे. स्थिति ऐसी बनी कि दोनों तरफ से मुठभेड़ शुरू हो गई. इसके बाद असल में क्या हुआ इस बात की जानकारी किसी के पास नहीं है. बाद में लगातार गोलीबारी हो रही थी. साथ ही अंदर जो भी जवान मौजूद थे उनके साथ दोपहर में ही बाकी जवानों का संपर्क टूट गया था.
तब से लगातार कोशिश की जा रही थी कि जवानों को बाहर निकाला जाए. रिहायशी इलाका होने की वजह से ऑपरेशन में दिक्कत आ रही थी. पूरी रात कोशिश की गई कि उस घर में घुसा जाए, लेकिन सामने से गोलीबारी की जा रही थी. जिसके बाद घर को बारूद से उड़ाना पड़ा. रविवार सुबह जब तलाशी ली गई तो उसमें सात शव मिले जिसमें दो विदेशी बताए जा रहे हैं.
मारे गए आतंकी उस ग्रुप का हिस्सा हो सकते हैं, जो हाल-फिलहाल में घुसपैठ के जरिए भारत में दाखिल हुए थे. पूरा विश्व अभी कोरोना से लड़ रहा है वहीं जम्मू-कश्मीर में एक महीने के भीतर 18 मुठभेड़ हुई हैं. इसमें 30 आतंकी मारे गए हैं. इसमें कई सारे स्थानीय आतंकी हैं जबकि कुछ विदेशी नागरिकों के शामिल होने की भी जानकारी मिली है.
कोरोना पर फुल कवरेज के लिए यहां क्लिक करें
विदेशी नागरिक काफी प्रशिक्षित हैं. इनके पास काफी एडवांस हथियार थे. जो आम तौर पर जंग के लिए प्रयोग किए जाते हैं. उनकी कोशिश भारतीय सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाने की है.
Comments
Leave Comments