केरल के कोझिकोड विमान हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. दुबई से वापस अपने घर लौट रहे कुछ लोग कभी सफर पूरा ना कर सके और हादसे का शिकार हो गए. ये विमान हादसा कैसे हुआ, क्या इसमें कोई मानवीय भूल हुई इन सभी चीज़ों को लेकर जांच शुरू हो गई है. इस हादसे में जो लोग बच गए, उन लोगों ने दर्दनाक कहानी सुनाई है.
रंजीथ पनागढ़ जो दुबई से वापस लौट रहे थे, उन्हें इस हादसे में चोटें आई हैं. रंजीथ के मुताबिक, वो काफी लंबे वक्त के बाद घर लौट रहे थे लेकिन ऐसा होगा उन्होंने कभी सोचा नहीं था.
युजीन के मुताबिक, जब हादसा हुआ तब कुछ सेकेंड के लिए सबकुछ ब्लैंक हो गया और किसी को कुछ समझ नहीं आया. जब होश आया तो दिखा हर ओर बैग ही बैग बिखरे हुए हैं, लोग अपनी सीटों पर चिल्ला रहे थे और रो-बिलख रहे थे.
इन्हीं में से एक नौशाद जो अपनी बेटी के साथ घर के बाहर बैठे थे, जब विमान क्रैश होने की आवाज आई तो ऐसा लगा मानो कोई धमाका हो गया हो. नौशाद ने तुरंत अपनी पत्नी से गैस बंद करने को कहा, बिजली से जुड़ा सामान बंद कर दिया.
नौशाद ने अपनी पत्नी और बेटी को घर से दूर सड़क के पास भेजा, ताकि अगर कुछ बड़ा हादसा हो तो नुकसान ना हो. नौशाद का घर उस जगह से सिर्फ सौ मीटर की दूरी पर था जहां पर एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान क्रैश होकर पड़ा था. इसके बाद नौशाद और आसपास के लोगों ने वहां पर घायल हुए लोगों की मदद करनी शुरू कर दी, लोगों को बाहर निकाला.
गौरतलब है कि केरल विमान हादसे में पायलट और को-पायलट समेत 18 लोगों की जान गई थी. इनमें से एक मृतक कोरोना वायरस पॉजिटिव भी था. हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों और प्रशासन की ओर से पहुंचाई मदद के कारण कई लोगों की जान बच गई, क्योंकि घायलों को तुरंत ही अस्पताल भेज दिया गया था.
Comments
Leave Comments