राजस्थान की सियासत का क्लाइमेक्स इस शुक्रवार खेला जाना था लेकिन कल दिल्ली में दोपहर बाद गतिविधियां इतनी तेज़ हुईं कि रात होते होते बहुत कुछ साफ हो गया. बगावती तेवरों के साथ सचिन पायलट ने दिल्ली में राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की और फिर चीज़ें सामान्य होकर अपनी पूर्ववत स्थिति की ओर लौटने लगीं. हरियाणा में डेरा डाले पायलट समर्थक विधायक अब जयपुर लौटने की तैयारी में हैं. ऐसा क्या घटा राजस्थान में कि सारे समीकरण बदल गए?
आईएएस की नौकरी छोड़कर शाह फैसल ने जब जम्मू कश्मीर में सियासत करने का फैसला लिया था तो पूरे देश के लिए ये चौंकाने वाली बात थी. ऐसा कम ही लोग कर पाते हैं. अब शाह फैसल के सियासत छोड़ नौकरी ज्वाइन करने की संभावना है तो चौंकनेवालों की तादाद कम है. सबको पता है कि घाटी में सियासी गतिविधियां ठप होने के बाद बहुत कुछ बदलना लाज़िमी है. शाह फैसल ने इंडिया टुडे से ख़ास मुलाकात में कहा कि वो आगे बढ़ना चाहते हैं और नए सिरे से शुरुआत करना चाहते हैं. तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि चंद महीने पहले राजनीति में उतरे इस पूर्व नौकरशाह ने अपना रास्ता बदल लिया?
लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस में अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है. राहुल गांधी ने मरज़ी से इस कुरसी को छोड़ा था और कहा था कि गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष नहीं होना चाहिए। इसके बाद सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष पद का काम संभाला था लेकिन इंतज़ार इसी बात का रहा कि अगला अध्यक्ष कौन होगा.. अब एक साल पूरा हो चला है तो सवाल है कि क्यों पार्टी के लिए एक अदद अध्यक्ष तलाशना मुश्किल क्यों हो रहा है?
इसके अलावा जानिए कि 11 अगस्त का दिन इतिहास में क्यों महत्वपूर्ण है.. क्या घटनाएं घटी थीं इस दिन.
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