विश्व के तमाम नेता बड़ी जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं. किसी भी देश को चलाने की जिम्मेदारी और बहुत अधिक जवाबदेही इन नेताओं की है. ऐसे में कई बार मन में खयाल आता होगा कि नेता देश चलाते हैं लेकिन इनका घर कैसे चलता होगा यानी इनकी सैलरी क्या होगी?
नई दिल्ली: विश्व के तमाम नेता बड़ी जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं. किसी भी देश को चलाने की जिम्मेदारी और बहुत अधिक जवाबदेही इन नेताओं की है. ऐसे में कई बार मन में खयाल आता होगा कि नेता देश चलाते हैं लेकिन इनका घर कैसे चलता होगा यानी इनकी सैलरी क्या होगी? निश्चित तौर पर नेताओं को भी घर चलाने के लिए सैलरी की आवश्यकता होती है. इसका ताजा उदाहरण है ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) का बयान. बोरिस ने कहा है कि वह अब कुछ और काम करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि वर्तमान सैलरी से जीवनयापन मुश्किल हो रहा है. बोरिस का ये बयान कितना सही है यह जानने के लिए जानते हैं विश्व के पांच बड़े नेताओं की सैलरी.
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राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते समय डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने दावा किया था कि वह वेतन नहीं लेंगे. हालांकि, अमेरिकी संविधान ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसलिए राष्ट्रपति ट्रम्प वेतन लेते तो हैं लेकिन कई संघीय विभागों को दान करते हैं. जॉन एफ कैनेडी और हर्बर्ट हूवर जैसे पूर्व राष्ट्रपति, जो धनी परिवारों से आए थे उन्होंने भी अपना वेतन दान किया था. हालांकि राष्ट्रपति ट्रम्प मैनहट्टन, न्यूयॉर्क और अन्य जगहों पर चल रहे उनके व्यवसाय में से कमाई करते हैं. उनकी कुल संपत्ति 2.5 बिलियन डॉलर है, इस लिहाज से वह पहले अरबपति अमेरिकी राष्ट्रपति हैं. यूएसए टुडे की एक सूची के अनुसार, वह सबसे अधिक वेतन पाने वाले विश्व के नेताओं में चौथे स्थान पर हैं.
वेतन: ₹ 2.94 करोड़ प्रति वर्ष
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12 अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने जून 2020 तक की अपनी वित्तीय स्थिति का स्वेच्छा से खुलासा किया है. उस रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में उनकी चल संपत्ति 26.26% बढ़कर 1.39 करोड़ से 1.75 करोड़ हो गई. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीएम ने अपने वेतन का अधिकांश हिस्सा खर्च ही नहीं किया है, इस कारण उनकी संपत्ति में ये बढ़ोतरी हो पाई है. इस साल, पीएम मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने COVID-19 संकट के कारण अपने वेतन में 30% वेतन कटौती का फैसला लिया. प्रधानमंत्री मोदी को महीने में 2 लाख रुपए मिलते हैं जो विश्व के तमाम नेताओं की तुलना में काफी कम है.
वेतन: ₹ 24 लाख प्रति वर्ष
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इस सप्ताह की शुरुआत में, यूके के पीएम बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने दावा किया था कि वह पद से सेवानिवृत्त होने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि वह इस वेतन पर जीवन यापन नहीं कर पा रहे. कार्यभार संभालने से पहले, बोरिस जॉनसन ने अंग्रेजी दैनिक द टेलीग्राफ में काम किया था यहां उनकी तनख्वाह 2.5 करोड़ रुपए सालाना थी. उन्होंने केवल दो भाषण देकर एक महीने में 1,17,98,128 रुपए कमाए, जो कि एक साल में यूनाइटेड किंगडम के पीएम की सैलरी से अधिक है.
वेतन: ₹ 1.43 करोड़
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कनाडा को सबसे अच्छा वेतन पैकेज देने वाले देश के तौर पर जाना जाता है. यह नियम यहां के प्रधानमंत्री Justin Trudeau पर भी लागू होता है. Wion के अनुसार, पीएम को मिलने वाली सैलरी में हाउस ऑफ कॉमन्स, बेसिक सेशनल क्षतिपूर्ति, वेतन और परिवार का भत्ता शामिल है. दुनिया के 20 सबसे अधिक सैलरी पाने वाले लोगों में यहां के पीएम शामिल हैं.
वेतन: ₹ 1.96 करोड़ प्रति वर्ष
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प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न (Jacinda Ardern) की पद संभालने के बाद से काफी प्रशंसा हुई है. न केवल वह देश के आंतरिक मामलों में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं बल्कि उनकी सरकार ने COVID-19 संकट का भी दृढ़ता से मुकाबला किया है. अपनी कार्यशैली के ही कारण जैसिंडा अर्डर्न ने फिर से चुनाव जीता. 80 वर्षों में न्यूजीलैंड के चुनावी इतिहास में जैसिंडा का चुनाव कई मायनों में बेहद अहम रहा. न्यूजीलैंड के पीएम के रूप में अर्डर्न सबसे अधिक सैलरी पाने वाले विश्व के नेताओं की सूची में 7वें स्थान पर हैं.
वेतन: ₹ 2.06 करोड़ प्रति वर्ष
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