344 डरे हुए बच्चों के बीच माता-पिता अपनी संतान को खोजने के लिए शुक्रवार की सुबह कात्सिना राज्य में बस से पहुंचे. जो लोग सफल हुए उन्होंने अपने बच्चों को गले से लगा दिया जबकि कई माता-पिता देर शाम तक अपने बच्चों का वहीं इंतजार करते रहे. एक शख्स ने अपने बच्चे से मिलने के बाद कहा, "मुझे ऐसा लगता है जैसे भगवान ने मुझे स्वर्ग दिया है क्योंकि मैं बहुत खुश हूं,"
वहीं अगवा किए जाने को लेकर एक लड़के ने बताया कि अपहरण करने वाले ने खुद को इस्लामिक आतंकवादी समूह बोको हराम का सदस्य बताया था. हालांकि उन्हें संदेह था कि वे सशस्त्र डाकू थे. वे हमें हर सुबह, हर रात पीटते थे. हमें बहुत नुकसान पहुंचाया. उन्होंने केवल हमें दिन में एक बार भोजन दिया और दिन में दो बार पानी पिलाया.
मोटरबाइकों पर सवार बंदूकधारियों ने एक सप्ताह पहले कट्सिना राज्य के कंकरा शहर में लड़कों के बोर्डिंग स्कूल में घुसकर उनमें से सैकड़ों छात्रों का अपहरण कर लिया था. अधिकारियों ने कहा कि स्कूल के सुरक्षा विभाग ने गुरुवार को उन्हें इसकी जानकारी दी जिसके बाद सेना ने अपनी बुद्धिमत्ता" के जरिए सभी 344 अपहृत लड़कों को मुक्त कराया.
घटना के आस-पास के कई विवरण अस्पष्ट हैं, जिनमें कौन जिम्मेदार था, उन्होंने लड़कों का अपहरण क्यों किया, क्या फिरौती का भुगतान किया गया था और रिहाई को कैसे सुरक्षित किया गया था इन बातों का अभी खुलासा नहीं हुआ है. लड़कों का अपहरण विशेष रूप से बुहारी के लिए शर्मनाक था, जो कैटसिना राज्य से आते हैं और बार-बार कहते हैं कि बोको हराम को "तकनीकी रूप से पराजित" कर दिया गया है. इस अपहरण में किसी भी तरह से बोको हराम की भागीदारी पूर्वोत्तर में आतंकवादी समूह की गतिविधियों में एक भौगोलिक विस्तार को चिह्नित कर रही है.
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