कोरोना टीका को लेकर देश को एक बड़ी कामयाबी मिली है। जल्द ही देश का पहला स्वदेशी टीका कोवाक्सिन अमेरिका के बाजार में दिखाई देगा। इसके लिए हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने अमेरिकी कंपनी ओकूजेन के साथ समझौता किया है। मंगलवार को भारत बायोटेक ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि कोवाक्सिन के सह-विकास, आपूर्ति और व्यवसायीकरण के लिए समझौता किया गया है।
ओकूजेन कंपनी के साथ टीका निर्माण की विधि को साझा किया जाएगा। साथ ही अमेरिका में आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति के साथ साथ बाजार में भी टीका लाने की जिम्मेदारी तय की गई है। दरअसल पिछले माह ही भारत में कोवाक्सिन को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति प्रदान की गई है। अभी इस टीका पर तीसरे चरण का परीक्षण चल रहा है।
भारत बायोटेक का यहां तक कहना है कि अमेरिकी बाजार में मिलने वाले मुनाफे में 55 फीसदी हिस्सेदारी उनकी रहेगी। कंपनी के चेयरमेन डॉ. कृष्णा एला ने बताया कि कोरोना महामारी ने मानवता को बड़े पैमाने पर प्रभावित किया है। वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा के लिए एक कंपनी के रूप में, हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि एक वैश्विक कारण के लिए टीके विकसित करें।
कोवाक्सिन ने कई वायरल प्रोटीनों के लिए मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं के साथ उत्कृष्ट सुरक्षा डेटा उत्पन्न किया है जो लगातार बने रहते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि अमेरिकी कंपनी के साथ मिलकर कोवाक्सिन को अमेरिकी बाजार में लाने की योजना पर उन्हें सफलता हासिल होगी।
जानकारी के अनुसार भारत में तैयार कोवाक्सिन पहला कोरोना टीका है जिसे अमेरिका में सबसे पहले लाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड का निर्माण कर रहा है, लेकिन इसे ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका कंपनी ने तैयार किया है।
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