नई दिल्ली:
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में चीन और लद्दाख में भारत के गतिरोध को लेकर उठाए जा रहे कदमों को लेकर सदन को जानकारी दी. रक्षामंत्री ने कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत की तैयारी पुख्ता है और लद्दाख में भारत को चीन पर बढ़त मिली हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि 'भारत ने इस बातचीत में कुछ भी नहीं खोया है.'
रक्षामंत्री ने कहा कि 'भारतीय सेना के जवान सामिरक महत्व वाले दुर्गम इलाकों में बहादुरी से डटे हुए हैं. चीन के जवाब में भारत ने भी काउंटर डिप्लॉयमेंट किया है. भारत की सेनाओं ने इन परिस्थितियों का डटकर सामना किया है.' उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और दोनों देशों की सेनाएं पैंगॉन्ग लेक के किनारों से हट रही हैं.
भारत ने रखी हैं तीन शर्तें
उन्होंने कहा कि चीन के साथ हो रही बातचीत में भारत का रुख स्पष्ट है और भारत ने अपनी ओर से तीन शर्तें रखी हैं-
1. दोनों पक्षों द्वारा LAC को माना जाए और उसका आदर किया जाए.
2. किसी भी पक्ष द्वारा यथास्थिति को बदलने के लिए एकतरफा कोशिश न की जाए.
3. सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए.
डिस्इंगेजमेंट की प्रक्रिया हो गई है शुरू
उन्होंने कहा कि संघर्ष वाले क्षेत्रों में डिस्इंगेजमेंट के लिए भारत का यह मत है कि 2020 की फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट जो एक-दूसरे के बहुत नजदीक हैं वे दूर हो जाएं और दोनों सेनाएं वापस अपनी-अपनी स्थाई एवं मान्य चौकियों पर लौट जाएं. उन्होंने बताया कि 'चीन के साथ लगातार बातचीत के चलते पैंगॉन्ग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर डिस्इंगेजमेंट का समझौता हो गया है. इस बात पर भी सहमति हो गई है कि पैंगॉन्ग लेक से पूर्ण डिस्इंगेजमेंट के 48 घंटे के अंदर सीनियर कमांडर स्तर की बातचीत हो और बाकी बचे हुए मुद्दों पर भी हल निकाला जाए. यह उम्मीद है इसके द्वारा पिछले साल के गतिरोध से पहले जैसी स्थिति बहाल हो जाएगी.'
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