गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ममता बनर्जी ने बंगाल के अंदर ऐसा कर दिया है कि जय श्रीराम बोलना गुनाह हो गया है.
अमित शाह ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ''ममता दीदी बंगाल में जय श्रीराम नहीं बोला जाएगा तो क्या पाकिस्तान में बोला जाएगा? मुझे बताओ भाइयों, बताओ बहनों, जय श्रीराम बोलना चाहिए या नहीं बोलना चाहिए? मेरे साथ दोनों हाथ उठाइए और गगनभेदी नारा लगाइए जय श्रीराम... ममता दीदी को यह अपमान लगता है लेकिन हमलोग इसे बोलकर गौरव महसूस करते हैं.''
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि पैगोंग लेक इलाक़े से दोनों पक्ष सेना हटाने के लिए तैयार हो गए हैं. इससे पहले चीन ने बुधवार को इसकी घोषणा की थी.
राजनाथ सिंह ने कहा, ''मुझे सदन को यह बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि हमारे दृढ़ इरादे और टिकाऊ बातचीत के फलस्वरूप चीन के साथ पैंगोंग लेक के उत्तर और पश्चिमी तट पर सेना के पीछ हटने का समझौता हो गया है.''
राजनाथ सिंह ने कहा, ''पैंगोंग लेक इलाक़े में चीन के साथ सैनिकों के पीछे हटने का जो समझौता हुआ है उसके अनुसार दोनों पक्ष आगे की तैनाती को चरणबद्ध, समन्वय और प्रामाणिक तरीक़े से हटाएंगे.''
राजनाथ सिंह ने कहा, ''मैं इस सदन को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि इस बातचीत में हमने कुछ भी खोया नहीं है. सदन को यह जानकारी भी देना चाहता हूं कि अभी भी LAC पर तैनाती और पट्रोलिंग के बारे में कुछ विवाद बचे हैं. इन पर हमारा ध्यान आगे की बातचीत में रहेगा. दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि द्विपक्षीय समझौते और नियमों के तहत सैनिकों के पीछे हटने की पूरी प्रक्रिया जल्द से जल्द निपटा लिया जाए. चीन भी देश की संप्रभुता की रक्षा के हमारे संकल्प से अवगत है. यह अपेक्षा है कि चीन द्वारा हमारे साथ मिलकर बचे हुए मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जाएगा.''
राजनाथ सिंह ने कहा, ''मैं इस सदन से आग्रह करना चाहता हूं कि मेरे साथ संपूर्ण सदन हमारी सेना की इन विषम और भीषण बर्फ़बारी की परिस्थितियों में भी शौर्य एवं वीरता के प्रदर्शन की प्रशंसा करे. मैं सदन को यह भी बताना चाहता हूं कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि द्विपक्षीय रिश्ते दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं, साथ-साथ सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के ज़रिए हल किया जा सकता है.''
राजनाथ सिंह ने कहा, ''LAC पर शांति में किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति का द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा असर पड़ता है. कई उच्चस्तरीय संयुक्त बयान में भी यह ज़िक्र किया गया है कि LAC और सीमाओं पर शांति कायम रखना द्विपक्षीय संबंधों के लिए अत्यंत आवश्यक है.''
राजनाथ सिंह ने कहा, ''चीन अपनी सेना की टुकडि़यों को उत्तरी तट में फिंगर 8 के पूरब की दिशा की तरफ़ रखेगा. इसी तरह भारत भी अपनी सेना की टुकडि़यों को फिंगर तीन के पास अपनी स्थायी चौकी धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा. इसी तरह की कार्रवाई दक्षिणी तटीय इलाक़े में भी दोनों पक्षों द्वारा की जाएगी. ये क़दम आपसी समझौते के तहत बढ़ाए जाएंगे और जो भी निर्माण आदि दोनों पक्षों द्वारा अप्रैल 2020 से उत्तरी और दक्षिणी तट पर किया गया है उन्हें हटा दिया जाएगा और पुरानी स्थिति बना दी जाएगी.''
Comments
Leave Comments