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Neera Tanden को भारी पड़े अपने Tweets, विरोध के बाद Budget Director के पद से वापस लिया नामांकन

 

नीरा टंडन ने कहा कि उन्होंने नामांकन वापसी का फैसला इसलिए लिया, ताकि सांसद दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकें. उन्होंने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि अप्रूवल पाने के लिए कोई रास्ता नहीं है, इसलिए मैं नहीं चाहती कि मेरे नामांकन को जारी रखा जाए.  

  1. दोनों ही पार्टी के सांसद चल रहे थे नाराज
  2. नियुक्ति पर सीनेट की मुहर थी जरूरी
  3. राष्ट्रपति ने की नीरा टंडन की तारीफ

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को बड़ा झटका लगा है. उनकी पहली पसंद मानी जाने वालीं भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन (Neera Tanden) ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. बाइडेन ने नीरा को प्रबंधन एवं बजट विभाग के निदेशक पद के लिए नामित किया था. दरअसल, नीरा के कुछ पुराने ट्वीट्स (Tweets) को लेकर विवाद चल रहा था. डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों पार्टियों के सांसदों ने उनकी नियुक्ति पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि वह सीनेट में उनके खिलाफ मतदान करेंगे. इसी विरोध को देखते हुए नीरा ने अपना नामांकन वापस ले लिया है.  

Biden ने जताई यह इच्छा
 

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने नीरा के नामांकन वापस लेने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. बाइडेन ने भारतीय-अमेरिकी नीरा टंडन की तारीफ करते हुए कहा कि मैं उनकी उपलब्धि और उनके अनुभव का अत्यंत सम्मान करता हूं. मैं अपने प्रशासन में उन्हें एक महत्वपूर्ण पद निभाते देखना चाहता हूं. बाइडेन इससे पहले भी नीरा की तारीफ कर चुके हैं. उनके नामांकन के समय राष्ट्रपति ने कहा था कि नीरा का अनुभव देश के काम आएगा.

 

Neera ने बताई फैसले की वजह
 

हमारी सहयोगी वेबसाइट WION में छपी खबर के अनुसार, नीरा टंडन ने अपने फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने नामांकन वापसी का फैसला इसलिए लिया, ताकि सांसद दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर सकें. उन्होंने आगे कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि अप्रूवल पाने के लिए कोई रास्ता नहीं है, इसलिए मैं नहीं चाहती कि मेरे नामांकन को जारी रखा जाए. बता दें कि बाइडेन प्रशासन ने नीरा के पक्ष में सहमति बनाने की काफी कोशिश की, लेकिन सांसदों की नाराजगी को दूर नहीं कर पाया. ऐसे में नीरा के पास अपने कदम पीछे खींचने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था.

अपने भी थे Neera के खिलाफ
 

रिपब्लिकन सीनेटर सुसान कॉलिन्स (Susan Collins)  और मिट रोमनी (Mitt Romney) ने नीरा के खिलाफ मतदान करने की घोषणा की थी. इसी तरह, वेस्ट वर्जीनिया के डेमोक्रेटिक सीनेटर जो मैनचिन (Joe Manchin) ने भी उनका विरोध किया था. मैनचिन ने कहा था कि नीरा ने रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक नेताओं के खिलाफ जिस तरह की टिप्‍पणी की है, वो पूरी तरह गलत है और उसका असर सदस्‍यों के रिश्‍तों पर पड़ा है. इसके अलावा, भी कई सांसदों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.

क्या था Tweet में?

नीरा टंडन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. उन्होंने अपने ट्वीट में कई बार दोनों पार्टी के सांसदों को लेकर बयानबाजी की थी, जिसे लेकर सांसदों में गुस्सा है. यही वजह रही कि बेहद अहम मोड़ पर उन्होंने नीरा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सांसदों का कहना था कि नीरा के ट्वीट आपत्तिजनक हैं और दोनों पार्टियों के रिश्ते प्रभावित कर रहे हैं. इसलिए उनकी नियुक्ति को मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए.    

US में ऐसी है व्यवस्था
 

अमेरिकी संव‍िधान के मुताबिक नामित सदस्‍यों की मंजूरी के लिए सीनेट की मुहर लगनी जरूरी है. सौ सदस्‍यों वाली सीनेट में इसके लिए साधारण बहुमत की जरूरत होती है. दिक्‍कत यह है कि सीनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी की संख्‍या बराबर है. टंडन को सिर्फ 51 वोटों की जरूरत थी, जिसमें उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) एक टाईब्रेकर के रूप में काम करतीं, लेकिन मैनचिन की नाराजगी की वजह से नीरा को अपनी नियुक्ति पर मुहर लगवाने के लिए एक रिपब्लिकन सांसद की जरूरत थी.

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