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राजनीति

रैली में बेहोश होकर गिरा कार्यकर्ता, नजर पड़ते ही PM मोदी ने भेज दी अपनी डॉक्टरों की टीम, देखें वीडियो

असम में दो चरणों के लिए वोटिंग हो चुकी है और तीसरे चरण के लिए चुनाव का प्रचार-प्रसार जोड़ों पर है। छह अप्रैल को होने वाले मतदान से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तामुलपुर में एक जनसभा को संबोधित किया, इस दौरान एक ऐसा वाकया देखने को मिला, जब पीएम मोदी को बीच में ही अपना भाषण रोकना पड़ा और अपनी मेडिकल टीम को तुरंत एक कार्यकर्ता की देखरेख के लिए भेजना पड़ा। 

दरअसल, पीएम मोदी जब तामुलपुर में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तभी एक पार्टी कार्यकर्ता को पानी की कमी की वजह से कुछ तकलीफ हुई और वह बेहोश हो गया। इसके बाद जनसभा को संबोधित कर रहे पीएम मोदी की नजर उस कार्यकर्ता पर पड़ी और उन्होंने मंच से ही अपनी मेडिकल टीम को मदद करने को भेजा। 

#WATCH: During a rally in Assam's Tamalpur, PM Narendra Modi asked his medical team to help a party worker who faced issues due to dehydration.#AssamAssemblyPolls pic.twitter.com/3Q70GPrtWs

 

मंच से मोदी ने कहा, 'ये जो पीएमओ की मेडिकल टीम है, वो जरा जाए वहां, एक कार्यकर्ता को पानी के अभाव में कुछ तकलीफ हुई है, तुरंत उनकी मदद कीजिए। मेरे साथ जो डॉक्टर आए हैं, वो जरा हमारे साथी की मदद करें। यहां का कोई अपना बंधु को पानी के अभाव में तकलीफ हुई है।'

तामुलपुर रैली में मोदी ने और क्या-क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की सभी प्रमुख बातें:

पीएम मोदी ने कहा कि मेरे राजनीतिक अनुभव के आधार पर, जनता के प्यार की भाषा, जनता के आशीर्वाद की ताकत पर मैं कहता हूं कि असम में एक बार फिर आप लोगों ने NDA सरकार बनाना तय कर लिया है। असम में हो रहा विकास यहां पर कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है। असम में हो रहा विकास यहां पर लोगों का, महिलाओं का जीवन आसान बना रहा है। असम में हो रहा विकास, यहां पर नए अवसर बना रहा है, नौजवानों के लिए अवसर बढ़ा रहा है। 

हम बिना पक्षपात के काम करते हैं

हम जब भी कोई योजना बनाते हैं, तो सबके लिए बनाते हैं। हर क्षेत्र के लोगों को, हर वर्ग के लोगों तक, बिना भेदभाव, बिना पक्षपात, उस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए हम कड़ी मेहनत करते हैं। देश में कुछ बातें ऐसी गलत चल रही हैं, अगर हम समाज में भेदभाव करके, समाज के टुकड़े करके अपने वोटबैंक के लिए कुछ दे दें, तो दुर्भाग्य देखिए, उसे देश में सेक्युलरिज्म कहा जाता है। लेकिन अगर सबके लिए काम करें, बिना भेदभाव के सबको देते हैं, तो कहते हैं कि ये कम्युनल हैं। सेक्यूलरिज्म-कम्यूनिज्म के इस खेल ने देश का बहुत नुकसान किया है। हम परिश्रम करने वाले लोग हैं, समाज की सेवा के लिए दिन-रात एक करने वाले लोग हैं, विकास के लिए ईमानदारी से काम करने वाले लोग हैं। असम के लोग आज देख रहे हैं कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास हमारी नीति में भी है और नीयत में भी है।

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