इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना के प्रसार को गम्भीरता से लेते हुए राज्य सरकार से नाइट कर्फ्यू पर विचार करने के साथ सौ फीसदी मास्क अनिवार्य करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर को रोकने के कदम उठाए हैं लेकिन सरकारी निर्देशों का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के लोगों से कोविड-19 की गाइडलाइन के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस करते हुए उसे निभाने की अपील भी की है। कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को सरकारी निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है।
यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण मामले की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से देर शाम समारोहों मे भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही रात्रि कर्फ्यू लगाने पर भी विचार करने को कहा है। कोर्ट ने मास्क व सेनेटाइजर की उपलब्धता बनाए रखने और उपयोग के बाद इसके निस्तारण पर भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने पुलिस सहित सभी जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सौ फीसदी मास्क पहनना अनिवार्य रूप से लागू करें। डीजीपी इसकी कार्य योजना तैयार कर अमल में लाएं। कोर्ट ने कहा कि जिला व पुलिस प्रशासन कहीं भी भीड़ इकट्ठा न होने दे, भीड़ को तुरंत तितर-बितर करें। पंचायत चुनावों के लिए नामांकन व प्रचार में भीड़ लेकर न जाने दें। प्रचार के समय कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाए।
कोर्ट ने सरकार को 45 वर्ष की आयु से अधिक की बजाय सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन करने और घर-घर जाकर टीके लगाने पर विचार करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि हाईस्कूल-इंटरमीडिएट के छात्र-छत्राओं की जांच कराई जाए। याचिका पर अगली सुनवाई आठ अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होगी।
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