मऊ से पांच बार विधायक रहे माफिया मुख्तार अंसारी कभी मूछों पर ताव देकर पूरे पूर्वांचल में खुली जिप्सी में घूमते हुए राइफल लहराते नज़र आते थे। अत्याधुनिक हथियारों के साथ शान से फोटो खिंचवाते थे। लेकिन आज व्हील चेयर पर और एंबुलेंस में बिल्कुल लाचार और बीमार नज़र आ रहे हैं। जेल जाते ही बीमार पड़ जाने की बाहुबलियों की आदत को देखते हुए कई लोगों के जेहन में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई मुख्तार बीमार हैं? आखिर उन्हें बीमारी क्या है?
वैसे पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा जेल शिफ्ट किए जाने के साथ ही योगी सरकार ने मुख्तार के इलाज का पुख्ता इंतजाम भी कर दिया है। तय किया गया है कि मुख्तार अंसारी का इलाज मेडिकल कॉलेज में होगा। इस बाबत जिला प्रशासन और मंडल कारागार प्रशासन ने पत्र भेजा है। इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में चार सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित की गई है। नोडल अफसर डॉ. अभिषेक राय को बनाया गया है। टीम में मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एसके यादव, डॉ. करन राजपूत और सर्जरी के असिस्टेंड प्रोफेसर डॉ. आरसी अरुण और डॉ. सौरभ अग्रवाल शामिल हैं।
जेल अधीक्षक ने की सीएमओ से मुलाकात
विधायक मुख्तार अंसारी के बांदा शिफि्टंग की रूपरेखा तय होने के बाद जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार त्रिपाठी, सीएमओ से मिले थे। कारागार हास्पिटल में एक डॉक्टर और एक फार्मासिस्ट को सम्बद्ध करने के साथ ही इमरजेंसी इलाज के लिए टीम गठित करने की मांग की थी। सीएमओ ने जिला अस्पताल के डॉक्टरों की तीन सदस्यीय टीम गठित की थी। साथ ही मेडिकल कॉलेज में भी चिकित्सकों की टीम गठित की गई है। मेडिकल कॉलेज टीम के सभी सदस्यों के मोबाइल नंबर जिला और जेल प्रशासन को उपलब्ध कराए गए हैं। मुख्तार को कोई भी दिक्कत होने पर टीम कारागार जाकर जांच करेगी। जरूरत पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. मुकेश कुमार यादव ने बताया कि डायलिसिस और ऑक्सीजन को लेकर सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त कर ली गई हैं। न्यूरो और कार्डिक प्राब्लम होने पर रेफर किया जाएगा।
सुरक्षा बढ़ाने की मांग
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के मुताबिक मेडिकल कालेज में सुरक्षा के लिए एक चौकी है। मुख्तार को इलाज के लिए लाए जाने पर मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा के इंतजाम और बढ़ाने की मांग की गई है।
जेल पहुंचते ही डॉक्टरों ने की जांच
प्राचार्य ने बताया कि मुख्तार को रीड़ की हड्डी, ब्लड प्रेशर आदि में समस्या है। उनके मंडल कारागार पहुंचते ही गठित टीम ने जांच की। इसके बाद जेल मैन्युल के मुताबिक टीम वहां जाकर चेकअप करती रहेगी। टीम का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया है।
इसके पहले बांदा जेल में बेहोश हो गए थे मुख्तार
इसके पहले 2017 में मुख्तार अंसारी को मथुरा जेल से बांदा कारागार शिफ्ट किया गया था। तब प्रशासन ने इसके पीछे कारण सुरक्षा संबंधित ही बताए थे। हालांकि मुख्तार के परिवार ने बांदा जेल में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। इसी दौरान मुख्तार अंसारी बांदा जेल में अचानक बेहाेश हो गए थे। बताया गया कि उन्हेें दिल का दौरा पड़ा था। यह घटना तब हुई जब उनकी पत्नी उनसे मिलने बांदा जेल गई थीं। दोनों ने साथ में चाय पी। इसके बाद मुख्तार ने सीने में दर्द की शिकायत की। जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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