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क्राइम

शिव सैनिक बाला साहेब के नाम पर झूठी शपथ नहीं ले सकता...संजय राउत ने ऐसे किया अनिल परब का बचाव

एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन मौत मामले में गिरफ्तार सचिन वाझे के सनसनीखेज आरोपों ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के आरोपों को बल दे दिया है। सचिन वाझे के आरोपों से घिरे अनिल परब का बचाव करने के लिए संजय राउत सामने आए हैं। सचिन वाझे द्वारा ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब पर लगाए गए आरोपों को लेकर संजय राउत ने कहा कि वह ऐसा कभी नहीं कर सकते। यह एक राजनीतिक साजिश है। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'जेल से चिट्ठी लिखने का एक नया रिवाज शुरू हो गया है।  शिवसेना के मंत्री के खिलाफ साजिश है। मैं अनिल परब को जानता हूं, वह ऐसे काम में शामिल नहीं हो सकते। मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि कोई भी शिव सैनिक बाला साहेब के नाम पर झूठी कसम नहीं खा सकता'

 

 

बता दें कि सचिन वाझे ने एनआईए को लिखे लेटर में आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख और राज्य के ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिल परब ने उन्हें उगाही करने को कहा था। इससे पहले परमबीर सिंह ने भी आरोप लगाय था कि देशमुख ने ही वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए उगाही का टारगेट दिया था।

अनिल परब ने आरोपों को गलत बताया
वहीं, महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर अनिल परब ने बुधवार को मुंबई के सस्पेंडेड एपीआई सचिन वाझे के आरोपों को खारिज कर दिया। अनिल परब ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सचिन वाझे के सभी आरोपों को गलत बता दिया। उन्होंने अपनी बेटियों की कसम खाते हुए खुद को बालासाहेब का शिवसैनिक बताया।

अनिल परब ने खाई बेटियों की कसम
अनिल परब ने कहा, 'मैं बालासाहेब ठाकरे का शिवसैनिक हूं। मैंने उनके नाम पर शपथ ली, जिन्हें मैं भगवान की तरह मानता हूं। साथ ही अपनी दोनों बेटियों की कसम खाते हुए कहता हूं कि मेरे ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।' महाराष्ट्र के मंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने सीएम उद्धव ठाकरे को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची है।

उन्होंने दावा किया कि यह बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है और वाझे के आरोप भी इसी का हिस्सा हैं। सीएम को बदनाम करने के लिए, सीएम के आसपास के लोगों को बदनाम करना पड़ेगा, इसलिए यह बीजेपी की साजिश है।" अनिल परब ने यह भी कहा कि वह जांच करवाने के लिए तैयार हैं और यहां तक कि उन पर लगाए गए जबरन वसूली के आरोपों में नार्को टेस्ट भी करवाने को तैयार हैं। हालांकि, परब ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

वाझे ने अपने आरोप में क्या लिखा
रिपोर्ट के मुताबिक, सचिन वाझे ने एनआई को हाथ से लिखे लेटर में दावा किया है कि एनसीपी चीफ शरद पवार मुंबई पुलिस में उसकी बहाली के विरोध में थे। अनिल देशमुख ने उसे (वाझे) कहा था कि यदि वह 2 करोड़ रुपए लाकर देगा तो वह शरद पवार को मना लेंगे। वाझे ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री अनिल परब ने भी उसे बीएमसी से जुड़े 50 ठेकेदारों से 2-2 करोड़ रुपए उगाही करने को कहा था। चार पेज के इस लेटर को वाझे ने एनआईए कोर्ट को सौंपा है। 

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