हिंदी न्यूज़ › विधानसभा चुनाव › बंगाल चुनाव 2021 › अगर जरूरत हुई तो कांग्रेस देगी TMC को समर्थन? जानें क्या है अधीर रंजन चौधरी का जवाब
एएनआई,कोलकाता | Published By: Shankar Pandit
पश्चिम बंगाल में तीन चरण के चुनाव हो चुके हैं और शेष चरणों के लिए राजनीतिक दल जोर आजमाइश में जुटे हुए हैं। बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी और भाजपा में सीधी टक्कर देखी जा रही है, हालांकि कांग्रेस-वाम गठबंधन को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में सवाल उठता है कि नतीजों के बाद अगर टीएमसी को जरूरत होगी तो क्या कांग्रेस समर्थन देगी? इस सवाल प र पश्चिम बंगाल कांग्रेस के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी की भी प्रतिक्रिया आई है।
जब कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से पूछा गया कि क्या जरूरत पड़ने पर टीएमसी को कांग्रेस समर्थन देगी, तो उन्होंने कहा, 'अभी काल्पनिक सवाल का कोई समय नहीं है क्योंकि हम नबना (मुख्यमंत्री कार्यालय) पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। हम नहीं जानते कि ममता बनर्जी कहां जाएंगी, अगर वह हार जाती हैं। राजनीति संभावनाओं की कला है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण में छह अप्रैल को 31 विधानसभा सीटों पर 84.61 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। राज्य में पहले और दूसरे चरण में क्रमश: 84.13 और 86.11 फीसदी मतदान हुआ था। राज्य में विधानसभा की 294 सीटों में से 91 पर चुनाव संपन्न हो गया है और पांच और चरण शेष हैं। चुनाव आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक परिणाम दो मई को घोषित होंगे।
इससे पहले बुधवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिन चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए हैं उनमें से हिंसा की घटनाएं केवल पश्चिम बंगाल में हुई और इसके लिए भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। कांग्रेस की पश्चिम बंगाल ईकाई के अध्यक्ष चौधरी ने बुधवार को पत्रकारों से कहा, हालांकि इस बार अब तक हुए तीन चरणों के चुनाव में पश्चिम बंगाल में हिंसा की ऐसी घटनाएं कम रहीं और इसका श्रेय निर्वाचन आयोग (ईसी) को जाता है।
उन्होंने कहा, 'पश्चिम बंगाल के अलावा तीन अन्य राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव हुआ लेकिन बूथ पर कब्जा करना, खूनखराबा और हमले की घटनाएं केवल हमारे राज्य में सुनी गई।' लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा कि केवल केंद्रीय बलों के जवान ही चुनाव के दौरान हर अप्रिय घटना को नहीं रोक सकते और इसकी जिम्मेदारी राज्य पुलिस पर भी बनती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन पश्चिम बंगाल में तीसरी ताकत के तौर पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
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