रेबेका रॉबर्ट्स और उनके साथी एक साल से अधिक समय तक बांझपन से जूझते रहे। अब उन्हें घर पर किए गे गर्भावस्था टेस्ट के दौरान सकारात्मक परिणाम मिला, तो वे बहुत खुश हो गए। हालांकि जब डॉक्टरों ने उन्हें उनकी पहली अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दी तो दंपती ने अपने बच्चे को सोनोग्राम स्क्रीन पर देखा।
इंग्लैंड के विल्टशायर के रहने वाले 39 वर्षीय रॉबर्ट्स ने कहा कि मुझे याद है कि पहली ही स्कैन से मुझे खुशी मिली थी, लेकिन 12 सप्ताह के बाद के अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट ने मुझे सदमे में ला दिया। सोनोग्राफर को भी रिपोर्ट आश्चर्यजनक लगा। कमरे में सन्नाटा छा गया। उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि कुछ भयानक हुआ है। सोनोग्राफर ने मुझे देखा और पूछा क्या आप जुड़वा बच्चों की उम्मीद कर रहे हैं?''
लेकिन यह जुड़वा बच्चों का एक विशिष्ट समूह नहीं था। मेरी पत्नी की गर्भावस्था को सुपरफेटेशन के रूप में निदान किया गया था। मतलब यह कि एक महिला जो पहले से ही गर्भवती है वह दूसरे बच्चे को गर्भ धारण करती है। प्रसूति विशेषज्ञ डेविड वॉकर ने कहा रॉबर्ट्स की गर्भावस्था चिकित्सा साहित्य में दर्ज कुछ सुपरफेटेशन मामलों में से एक है।
सुपरफेटेशन इतना असामान्य है कि वॉकर ने इसका निदान करने के लिए संघर्ष किया। प्रसूति विशेषज्ञ के रूप में उनके 25 वर्षों में, यह कुछ ऐसा था जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। उन्होंने कहा, "हम चिंतित थे क्योंकि दूसरा जुड़वा बच्चा बहुत छोटा था। यह केवल नियमित रूप से स्कैन करके देखा गया था। उसके विकास की दर लगातार तीन सप्ताह पीछे थी। हमें एहसास हुआ कि यह सुपरफिटेशन था।" आपको बता दें कि महिला ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया।
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