महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। महाराष्ट्र में हर दिन कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है और लगातार 50 हजार से अधिक रोजोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना के इसी उछाल को देखते हुए पूरे महाराष्ट्र में वीकेंड लॉकडाउन जारी है। इस साल ऐसा पहली बार है जब पूरा महाराष्ट्र वीकेंड लॉकडाउन की जद में है। इस बीच कोरोना पर काबू पाने के उपायों पर चर्चा करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे अहम बैठक बुलाई है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, राज्य में कोरोना के हालातों की समीक्षा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्धव ठाकरे सभी दलों के नेताओं के साथ एक बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन जैसे पाबंदियों पर भी चर्चा की जा सकती है। लॉकडाउन को लेकर अटकलों का बाजार इसलिए भी गर्म है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार के दो मंत्री इसके पक्ष में नजर आ रहे हैं।
दरअससल, महाराष्ट्र में लॉकडाउन की आहट इसिलए भी सुनाई दे रही है, क्योंकि उद्धव सरकार दो मंत्री इसकी वकालत करते नजर आ रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, महाराष्ट्र के हेल्थ मिनिस्टर राजेश टोपे ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्टर को सुधारने के लिए दो से तीन सप्ताह के कंप्लीट लॉकडाउन की जरूरत है।
उन्होंने कहा, 'हमें 15 दिनों से लेकर तीन सप्ताह तक पूर्ण लॉकडाउन की आवश्यकता होगी, हालांकि, मैं तुरंत उसके पक्ष में नहीं हूं। मगर अस्पतालों में दवाओं की कमी है और अगर सरकार रोगियों की बढ़ती संख्या का सामना करने में असमर्थ है तब ऐसा कदम उठाया जा सकता है। वहीं, राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वादीटीवार ने भी शुक्रवार को कहा था कि राज्य को अभी और कठोर पाबंदियों की जरूरत है।
इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि वे व्यक्तिगत रूप से लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होी है। लेकिन विशेषज्ञों और कई हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद सरकार ने सभी समुद्र तटों को बंद करने के अलावा, राज्य भर में नाइट कर्फ्यू और वीकेंड लॉकडाउन को लागू किया है। इस दौरान सभी गैर जरूरी सेवाएं बंद रहेंगी।
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