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भारत

100 साल के बुजुर्ग ने लगवाई वैक्सीन, बताया किस तरह हरा सकते हैं कोरोना को

एक ओर जहां कोरोना की दूसरी लहर ने देश और दुनिया को दुखी किया हुआ है वहीं जारी टीकाकरण लोगों को राहत दे रहा है। इस कड़ी में टीका लगवाने केंद्र पहुंचे 100 साल के जयदेव चौधरी ने एक शानदार बात कही। उन्होंने कोरोना से लड़ने के लिए पॉजिटिव एटिट्यूड की बात करते हुए हुए एक नज्म पढ़ी- 'हर मुसिबत का दिया इक तबस्सुम जावब, इस तरह गर्दिश-ए-दौरान को रुलाया मैंने'। उन्होंने कहा- कहा कि जीवन में एक सकारात्मक दृष्टिकोण लोगों को महामारी के दौरान कठिनाइयों को दूर करने में मदद कर सकता है।

चौधरी को 1 मार्च को मेडिकवर अस्पताल, माधापुर में सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविशिल्ड की पहली खुराक ली, हालांकि उन्हें 29 मार्च को दूसरी खुराक मिलने वाली थी लेकिन 22 मार्च को सरकार ने दो खुराक के बीच के अंतराल को बढ़ा दिया तो यह तारीक आगे बढ़ गई है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दो विशेषज्ञ समूहों की सिफारिश पर निर्णय लिया -  टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) की और कोविद -19 पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (NEGVAC) की।

देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस वैक्सीन की कमी के शिकायत के बीच एक राहत की भी खबर है। इस साल अक्टूबर के अंत तक भारत को पांच और टीके मिल सकते हैं। जिससे काफी हद तक वैक्सीन की कमी की शिकायत दूर हो सकती है। बता दें कि देश में फिलहाल कोरोना वायरस के लिए दो वैक्सीन कोविशिल्ड और कोवैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिली हुई है। इन दोनों टीकों का निर्माण भी भारत में ही हो रहा है। 

न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस साल तीसरी तिमाही तक कोरोना वायरस के पांच और टीके भारत में हो सकते हैं। ये पांच टीके हैं स्पूतनिक वी (डॉ रेड्डी के सहयोग से) जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन (बायोलॉजिकल ई के साथ), नोवावैक्स वैक्सीन (सीरम इंडिया के साथ मिलकर), जाइजस कैडिला का टीका और भारत बायोटेक का इंट्रानैजल वैक्सीन शामिल हैं।

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